जुबिली न्यूज़ डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की गिरफ्तारी पर घिरी योगी सरकार बैकफुट पर आ गई है। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा है कि सरकार ने सभी मामलों की समीक्षा का फैसला किया है और जो भी निर्दोष पाया जाएगा उसे रिहा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, एसआईटी इसलिए बनाई गई है ताकि किसी निर्दोष की गिरफ्तारी न हो और अगर वह गलती से गिरफ्तार हुआ है तो उसे रिहा किया जाए।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएए विरोध के प्रदर्शनों के दौरान हुए उपद्रव की जांच का जिम्मा जिला स्तर पर एसआईटी (स्पेशल जांच टीम) के हवाले किया है। इन टीमों की अगुवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करेंगे। टीम का काम ऐसे लोगों की पहचान करना है जो वास्तव में उपद्रव में शामिल थे।
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गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमे कायम किए गए हैं। इनमें गैरकानूनी सभा, हत्या का प्रयास, गैरकानूनी प्रतिरोध, आपराधिक मंशा और सरकारी कर्मचारी पर आपराधिक हमले आदि शामिल हैं। इन लोगों पर आपराधिक साजिश रचने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी दर्ज किया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं और कई राजनीतिक दलों के सदस्यों का दावा है कि पुलिस ने एक विशेष समुदाय के घरों पर हमले किए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। इनमें बहुत से बेकसूर लोगों को भी पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
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