जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं अब राजनीति घमासान भी खूब देखने को मिलेगा।
इसके साथ ही जुब़ानी जंग भी तेज हो जायेगी। पीएम मोदी से लेकर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे बड़े नेता इस चुनाव अपने बयानों से लोकसभा चुनाव की दशा और दिशा तय करने का हुनर रखते हैं।
बात अगर पीएम मोदी की जाये तो वो तीसरी बार पीएम बनने का सपना देख रहे हैं। इसके लिए चुनावी मैदान में उतरकर लगातार मेहनत कर रहे हैं। पीएम मोदी तीसरी बार सत्ता में काबिज होकर नया इतिहास बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पीएम मोदी इतने ज्यादा आत्मविश्वास से भरे हुए अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर अभी से उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है। इसी तरह से अमित शाह भी भारतीय राजनीति के बड़े खिलाड़ी है। मोदी सरकार में नंबर दो माने जाते हैं और उनको एक पावरफुल नेता के तौर देखा जाता है। उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कुछ अहम फैसले लिए है। 59 वर्षीय शाह एक बार फिर चुनावी दंगल में अपने सैनिकों का नेतृत्व करते हुए नजर आयेंगे।
इसी तरह कांग्रेस की बात की जाये तो ऐसे में इस पार्टी में अब गिने चुने नेता बचे हैं जिनके भरोसे ये पार्टी चल रही है। राहुल गांधी और खरगे पर जिम्मेदारी होगी कि वो पार्टी को कैसे लोकसभा चुनाव में जीत दिलाये।
दोनों काफी मेहनती है। राहुल गांधी का युवा जोश और कांग्रेस अध्यक्ष का अनुभव पार्टी के काम आ सकता है। कांग्रेस के कार्यकर्ता से शुरुआत कर अध्यक्ष तक पद तक पहुंचे मल्लिकार्जुन खरगे इस उम्र में भी काफी एक्टिव है।
दूसरी तरफ ममता बनर्जी पर सबकी नजरे होंगी। उन्होंने अकेले मोदी सरकार को चुनौती दे रखी है। उनकी पार्टी बंगाल में अकेले चुनाव लड़ रही है।
हालांकि उसने साफ कर दिया है कि वो इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी लेकिन बंगाल में वो अकेले चुनाव लड़ेंगी। इसी तरह से आम आदमी पार्टी के केजरीवाल भी काफी दमदार राजनीतिक नेता के तौर पर देखे जाते हैं और वो भी लगातार मोदी को चुनौती देते रहते हैं।
उन्होंने भले ही कुछ राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया हो लेकिन पंजाब भी उसने अकेले चुनाव लडऩे का फैसला किया है। भारतीय राजनीति के पलटुराम से मशहूर हुए नीतीश कुमार भी इस बार काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं।
हाल में ही फिर से एनडीए शामिल हुए नीतीश कुमार इस बार मोदी लहर के सहारे अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। इसके अलावा तेजस्वी यावद, ओवैसी और स्टालिन जैसे नेता भी इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को ज्यादा सीट दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए नजर आ रहे हैं।