जुबिली स्पेशल डेस्क
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर सुर्खियों में है।
दरअसल 4 फरवरी को लोकसभा में संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान वक्फ विधेयक का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इस मामले में मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अब सरकार को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘मैं इस सरकार को सावधान कर रहा हूं और चेतावनी दे रहा हूं- यदि आप वर्तमान स्वरूप में वक्फ विधेयक संसद में लाते हैं और इसे कानून बनाते हैं, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी।
इसे पूरे मुस्लिम समुदाय ने खारिज कर दिया है। वक्त विधेयक का मौजूदा ड्राफ्ट अगर कानून बनता है, तो यह अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन होगा। हम कोई वक्फ संपत्ति नहीं छोड़ेंगे, कुछ भी नहीं छोड़ा जाएगा। ‘
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए प्रस्तावित है, जिसका उद्देश्य वक्फ बोर्डों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
#WATCH | In Lok Sabha, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, "I am cautioning and warning this government – if you bring and make a Waqf law in the present form, which will be violation of Article 25, 26 and 14, it will lead to social instability in this country. It has been rejected… pic.twitter.com/agGgjpt4Ft
— ANI (@ANI) February 3, 2025
प्रमुख प्रावधान
वक्फ की परिभाषा में बदलाव: विधेयक के अनुसार, वक्फ का निर्माण केवल वही व्यक्ति कर सकता है, जो कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहा हो।
वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण: सर्वेक्षण आयुक्त की जगह कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण का अधिकार दिया गया है।