जुबिली न्यूज डेस्क
पाकिस्तान में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक उथल-पुथल मचा हुआ है। प्रधानमंत्री इमरान खान पर इस्तीफा देने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
वहीं इस सरगर्मी के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूरे देश से अपील की है कि वे रविवार को राजधानी इस्लामाबाद में होने वाली सभा में शामिल हों और देश को ये संदेश दें कि वे खरीद-फरोख्त के खिलाफ हैं।
इमरान खान ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि एक खास ग्रुप पिछले 30 वर्षों से इस देश को लूट रहा है और अब ये लोग इस पैसे का इस्तेमाल खुले तौर पर जन प्रतिनिधियों के विवेक को खरीदने के लिए कर रहे हैं।
इमरान ने कुरान का भी हवाला दिया और कहा कि अल्लाह का हुक़्म है कुरान में कि अच्छाई के साथ खड़े होना है और बुराई के खिलाफ खड़े होना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सांसदों के विवेक को खरीदने वालों से स्पष्ट कर देना चाहिए कि वे इसके खिलाफ हैं और कोई भी खरीद-फरोख्त के माध्यम से देश के लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
27 مارچ کو پوری قوم میرے ساتھ نکلے اور بتائے کہ ہم بدی کے خلاف ہیں۔ ڈاکوؤں کے ٹولے نے ملک کا پیسہ چوری کیا اور اب اراکین پارلیمنٹ کے ضمیر کی قیمتیں لگائی جارہی ہیں۔ وزیراعظم عمران خان pic.twitter.com/0DE38w4YSU
— PTI (@PTIofficial) March 24, 2022
बुधवार को भी इमरान खान ने ये कहा था कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव नाकाम होगा। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि वे इस्तीफ़ा नहीं देंगे और सेना के साथ उनके अच्छे संबंध हैं।
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पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने 8 मार्च को अविश्वसास प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान पर कुप्रबंधन और अर्थव्यवस्था को खराब करने का आरोप लगाया था।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की बैठक 25 मार्च को होने वाली है, लेकिन इमरान खान का कहना है कि वे किसी भी परिस्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे।
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इमरान ख़ान ने ये भी स्पष्ट किया कि उनके सेना के साथ अच्छे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में सेना की गलत तरीके से आलोचना की गई। अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है, लेकिन सत्ताधारी तहरीके इंसाफ पार्टी का आरोप है कि विपक्ष सांसदों को इमरान सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए रिश्वत दे रहा है।