न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। वैसे तो भारत में कई सरकारी योजनाएं मौजूद हैं, जिनका फायदा कई लोग उठा रहे हैं लेकिन इन सब में से एक सरकारी योजना एक जनवरी 2020 से बंद होने जा रही है। हम बात कर रहे हैं ‘सबका विश्वास स्कीम’ की। अगर आप भी सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसी माह रजिस्ट्रेशन करा लें। आइए जानते हैं इस पूरी योजना के बारे में।
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 के आम बजट में ‘सबका विश्वास स्कीम’ की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत बकाया टैक्स राशि वालों को आंशिक छूट देकर टैक्स विवादों का जल्द से जल्द निपटारा करना था।
ये भी पढ़े: कहां गायब हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
आसान भाषा में समझें तो जिन लोगों के सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े टैक्स विवाद हैं उनके निपटारे के लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को 1 सितंबर 2019 से लागू किया गया था।
ये भी पढ़े: लखनऊ में AAP के कार्यालय में पुलिस बल तैनात, धरने पर बैठे कार्यकर्ता
अब वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर है और इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसे में अगर आप लोग इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं आपके पास 31 दिसंबर तक आवेदन कराने का मौका है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब तक योजना के तहत 29,557.3 करोड़ रुपए के टैक्स विवाद से जुड़े कुल 55,693 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
योजना की शुरुआत के समय यह देखा गया था कि 1.83 लाख मामलों के तहत 3.60 लाख करोड़ रुपए का टैक्स फंसा हुआ है। यह राशि अलग- अलग अर्धन्यायिक, अपीलीय और न्यायिक मंचों में चल रहे विवादों में फंसी है।
ये भी पढ़े: सास पर आ गया दामाद का दिल और फिर एक दिन…
करदाता की नहीं होगी पहचान
योजना का सबसे खास पहलू यह है कि इसमें संपत्ति या बकाए राजस्व की घोषणा करने वाले करदाता की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी। करदाता की ओर से की जाने वाली सभी कार्यवाही, देय राशि का भुगतान और विभाग के साथ संपर्क आदि पूरी तरह ऑनलाइन होंगे जिससे उत्पीड़न या शिकायत की आशंका नहीं रहेगी।
योजना के तहत आवेदन काफी सरल है और इसे www.cbic-gst.gov.in पर लॉगिंन कर भरा जा सकता है। इस घोषणा पर विभाग के उच्च स्तर के अधिकारी विचार करते हैं, जिसमें सहायक आयुक्त या उसके ऊपर के अधिकारी शामिल होते हैं।
ये भी पढ़े: ‘महिलाएं देश चलाएं तो हर तरफ सुधार दिखे’
चार महीने में मामले का निपटारा
योजना के तहत खुलासा करने वाले करदाता के मामले का अधिकतम चार महीने में निपटारा हो जाएगा और उसे विमुक्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। योजना का लाभ उठाने वाले व्यापारी और उद्योग जगत को महज 30% भुगतान से ही दंड, ब्याज और मुकदमेबाजी से छुटकारा मिल सकता है।
सबसे ज्यादा लाभ उन छोटे कारोबारियों को मिलेगा जिनकी कम राशि मुकदमेबाजी में फंसी है क्योंकि उनका अदालती खर्च ही 30% कर से ज्यादा होगा। विभाग ज्यादा से ज्यादा लोगों तक योजना की जानकारी पहुंचा रहा है। साथ ही किसी शंका के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1200-232 पर कॉल कर सकते हैं।