जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. बिहार के आरा जिले में पूर्वी गुमटी पर बनाए गए ओवरब्रिज का आज शनिवार को उद्घाटन तय हुआ है. इस उद्घाटन समारोह का निमंत्रण कार्ड यह बताता है कि बिहार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
इस ओवरब्रिज के उद्घाटन में केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री और आरा के सांसद आर.के.सिंह, नितिन गडकरी के विभाग में राज्यमंत्री जनरल वी.के.सिंह, बिहार के दोनों डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद और श्रीमती रेणु देवी, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह का नाम है. यह सभी नाम बीजेपी नेताओं के हैं. कार्यक्रम में गैर बीजेपी नेताओं से इस हद तक परहेज़ किया गया है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार तक को आमंत्रित नहीं किया गया है.
इस कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र सार्वजानिक होने के बाद बिहार के जदयू नेताओं में हलचल तेज़ हुई है. जदयू नेताओं ने बीजेपी के इस कदाम को निंदनीय करार दिया है. जदयू के भोजपुर के जिला अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि हद तो यह है कि कार्यक्रम स्थल पर तमाम बीजेपी नेताओं की तस्वीरें लगाईं गई हैं लेकिन वहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं है.
आरा लोकसभा क्षेत्र के जदयू प्रभारी रविकांत ने कहा कि बिहार का विकास नितीश कुमार की वजह से ही हो रहा है. बिहार में कार्यक्रम है और कार्यक्रम एरिया में कहीं भी नितीश कुमार की तस्वीर का न होना निंदनीय काम है.
97 करोड़ रुपये की लगत से चार साल में बनाये गए इस ओवरब्रिज के उद्घाटन समारोह से बीजेपी ने जदयू को पूरी तरह से दूर रखा है. 1.6 किलोमीटर लम्बे इस पुल के बनने से आरा के लोगों को काफी आराम हो जायेगा. यह पुल शुरू होगा तो शहर को काफी राहत मिलेगी लेकिन इस कार्यक्रम का पूरा श्रेय बीजेपी को मिले इसका पूरा ध्यान रखा गया है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समेत किसी भी जदयू नेता को निमंत्रण नहीं भेजा गया है.
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यह पुल शुरू होगा तो रेलवे क्रासिंग पर घंटों लगने वाले जाम से लोगों को मुक्ति मिल जायेगी लेकिन पुल पर लगने वाला पत्थर जदयू नेताओं को मुंह चिढ़ाता नज़र आएगा. आरा के लोग जब सासाराम-आरा स्टेट हाइवे पर जायेंगे और इस पुल से गुजरेंगे तो हर बार उन्हें यह अहसास होगा कि इस पुल को बनाने में बिहार सरकार और नितीश कुमार का कोई योगदान नहीं है.