जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. मुफ्ती हनीफ बरकाती ने निकाहनामे में उर्दू भाषा के साथ ही इसमें हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा भी जोड़ दी है. कानपुर के मुफ्ती हनीफ ने इस तरह के निकाहनामे छपवा भी लिए हैं. अब शादियों में निकाह के वक्त तीनों भाषाओं में इसे भरा जाएगा.
मुफ्ती हनीफ ने बताया कि निकाहनामे में हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा को जोड़े जाने की असल वजह यह है कि इससे एक तो उन लोगों की भागदौड़ कम हो जायेगी जिनकी शादी-शुदा ज़िन्दगी में कानूनी पेचीदगियां आ जाती हैं और मामला अदालत में चला जाता है. अब तक इस तरह के मामलों में निकाहनामे को ट्रांसलेट कराना पड़ता है.
विदेश में नौकरी करने वालों को भी कई बार अपना निकाहनामा ट्रांसलेट कराना पड़ता है. यह हालात ऐसे लोगों के सामने ज्यादा आते हैं जिनमें पति विदेश में नौकरी कर रहा है. इसी बीच उसकी शादी हो जाती है और वह अपनी पत्नी को भी अपने पास बुलाना चाहता है तो उसे निकाहनामे की ज़रूरत पड़ती है.
तीन भाषाओं में निकाहनामा होने से उन लोगों को भी फायदा होगा जिन्हें उर्दू भाषा का ज्ञान नहीं है. बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें तीनों भाषाओं का ज्ञान है लेकिन नई पीढ़ी में ऐसे भी लोग हैं जिन्हें तीनों भाषाएँ नहीं आती हैं लेकिन उर्दू, हिन्दी और अंग्रेज़ी में से कम से कम एक भाषा ऐसी ज़रूर होगी जिस पर हर किसी को कमांड होगा. तीनों भाषाओं में निकाहनामा होने पर उसमें लिखी इबारत को हर कोई समझ सकेगा.
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