जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते होने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक में कई समझौतों पर एकराय हो सकती है. जानकारी के अनुसार इस बैठक में दोनों देश इंटेलीजेंस शेयरिंग एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. बहुत संभव है कि इस बैठक में दोनों देशों के सेनाओं के अभ्यास को समुद्र से लेकर अन्तरिक्ष तक के आयाम को छू लिया जाए.
उल्लेखनीय है कि भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसी 26 व 27 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अमेरिका के गृह सचिव माइक पाम्पियो और रक्षा सचिव मार्क एस्पर के साथ नई दिल्ली में बैठक करने वाले हैं. यह बातचीत वर्ष 2017 में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बातचीत का विस्तार है.
एक अंग्रेज़ी अखबार के मुताबिक़ इस बैठक में दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोआपरेशन एग्रीमेंट नाम से सैन्य समझौता हो सकता है. इस बैठक के ज़रिये दोनों देश अपने रणनीतिक संबंधों को और मज़बूत करना चाहते हैं. अमेरिका में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले होने वाली यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
जानकारी मिली है कि यह समझौता भारत को अमेरिका से सशस्त्र मानव रहित हवाई और पानी के भीतर प्लेटफार्म खरीदने में सक्षम करेगा. यह समझौता हो जायेगा तो भारत तय लक्ष्यों के पिन प्वाइंटेड विनाश के लिए आगे बढ़ सकेगा. यह लक्ष्य पड़ोसी देशों के नक्शों के साथ लोड किये जायेंगे. भारत द्वारा अधिग्रहीत अमेरिका द्वारा बनाये गए प्लेटफार्म के ज़रिये सटीक उड़ान भरी जा सकेगी.
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भारत का मानना है कि इस समझौते के बाद चीन की दादागीरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. भारत ने इस बैठक से पहले ही अमेरिका को यह सन्देश भेज दिया है कि उसे सशस्त्र ड्रोन की ज़रूरत है.
भारत और अमेरिका लद्दाख में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की बढ़ती आक्रामकता और उसकी गतिविधियों को लेकर भी बात करेंगे.