जुबिली न्यूज डेस्क
शायद ही दुनिया में कोई इंसान हो जो बीमार न पड़ा हो। बदलते मौसम, खानपान, बदलती जीवनशैली की वजह से कई बीमारियां हो जाती है।
कई बार तो इंसान को बेहद गंभीर रोग भी घेरे लेते हैं। हस्तरेखा विज्ञान में बीमारी को लेकर तमाम भविष्यवाणियां की गई हैं।
उचित खानपान, संयमित जीवनशैली और दिनचर्या के बावजूद गंभीर रोग होने पर इंसान को लगता है कि उसे यह बीमारी कैसे हो गई।
हमारे हाथों की रेखाओं की प्रकृति और उनकी बनावट रोगों के बारे में संकेत देती है।
यदि हृदय रेखा पर गोल द्वीप का निशान हो, शनि क्षेत्र के नीचे मस्तिष्क रेखा पीली पड़ रही हो, आयु रेखा के पास मंगल क्षेत्र पर काला निशान बना हो अथवा हृदय रेखा पर काला तिल या द्वीप हो तो ऐसे व्यक्ति को एकाएक बेहोशी या हृदयघात का खतरा रहता है।
इसके अलावा नाखून ऊंचे उठे हों, मस्तिष्क रेखा शनि पर्वत से बुध पर्वत तक पंखनुमा होकर जाए तो व्यक्ति को टीबी हो सकती है।
वहीं हाथों की उंगलिया नुकीली और मुड़ी हुई हों, पर्वत दबे रहें अथवा नाखून लाल हों तो यह मिर्गी रोग के लक्षण हो सकते हैं।
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हस्तरेखा विज्ञान के मुताबिक यदि बुध रेखा पर काले निशान के सथ नक्षत्र और द्वीप बन जाएं तो यह व्यक्ति के पीलिया से ग्रसित होने का संकेत देता है।
इसके अलावा मस्तिष्क रेखा पर शनि क्षेत्र के नीचे के हिस्से में जंजीरनुमा जैसे निशान दिखें तो यह गले एवं फेफेड़े के रोगों का संकेत है।
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वहीं शनि क्षेत्र पर बहुत सी रेखाएं हों और यह रेखाओं से भरा हो, बुध एवं शनि रेखा लहरदार और लंबी हो अथवा अंगुली में बीच का हिस्सा अत्यधिक लंबा हो तो ऐसे व्यक्ति को दांतों से जुड़े रोग हो सकते हैं।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।