जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। हाल में ही लालू यादव ने मोदी सरकार को लेकर बड़ा दावा किया था। उनके इस दावे के अनुसार मोदी सरकार कुछ दिनों की मेहमान है। उनके अनुसार मोदी सरकार अगस्त माह में गिर जायेगी।
उनके इस दावे के बाद बिहार में राजनीतिक दलों में एकाएक हलचल पैदा हो गई। अब सवाल है कि लालू यादव ने ऐसा क्यों भविष्यमानी की है। इसके पीछे क्या है वजह। दरअसल भले ही मोदी सरकार फिर से आ गई हो लेकिन वो पिछली बार की तरह की मजबूत नहीं है और उसका रिमोर्ट कंट्रोल कहीं न कहीं नीतीश कुमार और नायडू के हाथ में है। अगर इन दोनों ने अपना हाथ खींच लिया तो मोदी सरकार के गिरते देर नहीं लगेंगी।
वहीं अगर बिहार की सियासत की बात करें तो हाल में बीजेपी नेता अश्विनी चौबे के बयान पर सियासी बवाल जरूर मच गया है।
जेडीयू ने साफ किया है कि अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा जबकि अश्विनी चौबे कुछ और कह रहे हैं। इस वजह से दोनों दलों के बीच घमासान मच गया है। ऐसे में लालू की भविष्यमाणी को कोई हल्के में नहीं ले रहा है। अश्विनी चौबे के बयान के अलावा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस मुद्दे चिराग पासवन भी नीतीश के साथ है जबकि दोनों के बीच तालमेल की पहले कमी देखी जा चुकी है।
बिहार की राजनीति पर अपनी पैनी नजर रखने वाले कई लोगों का मानना है कि लालू यादव कोई भी बात हवा में नहीं करते हैं। लालू यादव को लगता है कि बजट में अगर मोदी सरकार बिहार को लेकर बड़ा ऐलान नहीं करती है तो एनडीए में खपटप की स्थिति पैदा हो सकती है. इसके लिए सबसे पहले जेडीयू ही आवाज उठाएगी।
ऐसे में अब ये देखना होगा कि 23 जुलाई को मोदी सरकार आम बजट में बिहार को लेकर कुछ दिया जायेगा या नहीं। इसी पर विपक्षी दलों की पैनी नजर है।