जुबिली स्पेशल डेस्क
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग को लेकर चल रहे बवाल के बीच लगातार
छात्रों का हिंसक प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
पिछले कुछ दिनों से वहां पर लगातार हिंसा देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं हिंसक झड़पों में अब तक 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 250 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
इसके बाद वहां की शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है और कानून-व्यवस्था को काबू करने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू करने पर मजबूर होना पड़ा है और पूरे देश में सेना को तैनात कर दिया गया है।
मामला इतना ज्यादा आगे बढ़ गया है कि लोग लाठी, डंडे और पत्थर लेकर सडक़ों पर घूम रहे प्रदर्शनकारी छात्र बसों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर रहे हैं। लोकल मीडिया की रिपोट्र्स के मुताबिक अब तक 2500 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
उधर भारत ने बांग्लादेश में हो रही है हिंसा पर बयान देते हुए इन हिंसक विरोध प्रदर्शनों को बांग्लादेश का आंतरिक मामला करार दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पड़ोसी देश में रह रहे 15000 भारतीय सुरक्षित हैं, जिनमें 8500 के करीब छात्र हैं।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। ढाका में भारतीय उच्चायोग देश लौटने के इच्छुक भारतीय छात्रों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है। शुक्रवार रात 8 बजे तक 125 छात्रों सहित 245 भारतीय बांग्लादेश से लौट आए हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। हम इसे देश का आंतरिक मामला मानते हैं. भारतीयों की सुरक्षा के संदर्भ में विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद इस मामले पर करीब से नजर रख रहे हैं।’ पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित बेनापोल-पेट्रापोल; गेडे-दर्शाना और त्रिपुरा में अखौरा-अगरतला क्रॉसिंग छात्रों और भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए खुले रहेंगे।