जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में इस बार गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैें। अक्सर 15 मई के बाद कहर बरपाने वाली गर्मी इस बार अप्रैल महीने से ही लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
पिछले कुछ दिनों से लोगों की समस्या काफी बढ़ गई है। एक ओर गर्मी कहर बरपा रही है तो वहीं दूसरी ओर बिजली की कटौती ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।
देश के कई राज्यों में तापमान और बिजली कटौती के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। मौजूदा वक्त में भारत बिजली की भयंकर कमी से गुजर रहा है।
पिछले 6 साल में भारत में यह सबसे बुरा बिजली संकट है। झुलसने वाली गर्मी में बिजली कटौती ने लोगों का जीवन इस कदर प्रभावित किया है कि लोग ना घरों में रह पा रहे हैं ना बाहर निकल पा रहे हैं।
गर्मी की वजह से स्कूल-कॉलेज भी बंद करने पड़ रहे हैं।
इस सप्ताह तमाम दक्षिण एशिया में गर्मी चरम पर रही। वहीं इससे पहले बीता मार्च महीना इतिहास का सबसे गर्म मार्च साबित हुआ था।
पिछले कई दिनों से देश के कई राज्यों में तापमान 45 डिग्री पार कर गया है। यह आलम तब है जब गर्मी का मौसम अभी शुरू हुआ है और मॉनसून के आने से पहले जून में अक्सर सबसे अधिक गर्मी होती है।
चार-चार घंटे की कटौती
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, ओडिशा समेत अधिकांश राज्यों में पारा हर दिन बढ़ रहा है। ओडिशा में तो सार्वजनिक स्थानों पर पानी के प्याऊ स्थापित किए गए हैं ताकि आने-जाने वाले लोगों को पानी की दिक्कत ना रहे।
वहीं पश्चिम बंगाल के 6 जिलों में तापमान औसत से पांच डिग्री अधिक रहा है। इसकी वजह मौसम विभाग ने कोलकाता में सामान्य से कम बारिश को बताया है।
गर्मी को देखते हुए ममता सरकार ने समय से पहले ही, यानी अगले सप्ताह से स्कूलों की छुट्टियां शुरू करने का ऐलान किया है।
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वहीं राजस्थान में बिजली की कटौती पहले से कहीं अधिक हो रही है। फैक्ट्रियों को 4 घंटे की अतिरिक्त बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है।
राजस्थान सबसे अधिक बिजली कटौती वाला तीसरा सबसे बड़ा प्रदेश बन गया है। एक राज्य ईकाई ने बताया, “मौजूदा बिजली संकट को देखते हुए समयबद्ध कटौती का फैसला किया गया है.” यह कटौती रिहायशी इलाकों में भी की जा रही है।
जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह बिजली संकट और गहरा सकता है, क्योंकि बिजली की मांग बढ़ रही है और गर्मी के कारण उत्पादन कम हो रहा है।
ऐसा भी अनुमान है कि इस बार बिजली की मांग 4 दशक में सबसे ऊंचाई पर पहुंच गई है। खुले आसमान के नीचे काम करने वाले मजदूरों की सेहत को लेकर भी चिंता बढ़ गई है।
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भारत में हर साल गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक के कारण हजारों मौतें होती हैं। आईआईटी मुंबई में विशेषज्ञ अर्पिता मंडल बताती हैं, “भारत में अधिकतर लोग गांवों में रहते हैं जहां एयरकंडिशनर जैसी सुविधाएं नहीं हैं।”
वहीं बिजली की मांग बढऩे के कारण देश में कोयले की भी बहुत अधिक कमी देखी जा रही है। कोयला देश में बिजली उत्पादन का सबसे अहम ईंधन है।
देश में कोयले के भंडार नौ साल के सबसे कम स्तर पर हैं। भारत में गुरुवार को बिजली की मांग रिकॉर्ड सर्वोच्च स्तर पर थी और अगले महीने यह 8 प्रतिशत और बढ़ सकती है।