द्रिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 7 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6:42 बजे होगा. वहीं, सूर्यास्त शाम 5:48 बजे होगा
इस दिन भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. ऐसे में छठ पर्व के तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शाम 5 बजकर 29 मिनट तक का समय रहेगा, छठ पूजा पर संध्या के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की विशेष धार्मिक मान्यता होती है
जुबिली स्पेशल डेस्क
छठ पूजा के दिन संध्या अर्घ्य (सूर्यास्त के समय अर्घ्य) का विशेष महत्व होता है। यह अर्घ्य कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दिया जाता है, जिसमें भक्त डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार से लेकर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में भी छठ पूजा मनाई जाती है, और संध्या अर्घ्य का समय सूर्यास्त के अनुसार भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में थोड़ा बदल सकता है।
संध्या अर्घ्य का संभावित समय (2024)
छठ पूजा 2024 के अनुसार, संध्या अर्घ्य का संभावित समय कुछ प्रमुख स्थानों पर इस प्रकार है:
दिल्ली: लगभग शाम 5:32 बजे
लखनऊ (उत्तर प्रदेश): लगभग शाम 5:19 बजे
पटना (बिहार): लगभग शाम 5:03 बजे
वाराणसी (उत्तर प्रदेश): लगभग शाम 5:15 बजे
रांची (झारखंड): लगभग शाम 5:07 बजे
संध्या अर्घ्य की विधि
अर्घ्य की तैयारी: ठेकुआ, चावल के लड्डू, नारियल, फल, गन्ना और दीप जलाकर पूजा की जाती है। व्रतधारी महिलाएं घाट पर कलश और दीपक सजाती हैं।
अर्घ्य अर्पण: व्रतधारी महिलाएं जल में खड़ी होकर बांस की टोकरी में पूजा सामग्री लेकर डूबते सूर्य को जल अर्पित करती हैं।
कुछ ध्यान देने योग्य बातें
घाट पर समय से पहुँचें: सूर्यास्त से पहले घाट पर पहुँच कर सभी सामग्री तैयार करें ताकि पूजा में कोई विघ्न न हो।
सुरक्षा का ध्यान रखें: छठ पूजा में घाट पर भीड़ होती है, इसलिए बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखना आवश्यक है।
छठ पूजा का संध्या अर्घ्य सूर्य को धन्यवाद देने और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करने का अवसर है। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न करें।