जुबिली स्पेशल डेस्क
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पास किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने अब सरकार के खिलाफ अब पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है।
किसान सड़क पर उतर आये है और सरकार की टेंशन बढ़ा रहे हैं। पंजाब से चले किसानों ने हरियाणा के रास्ते दिल्ली पहुंचने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। हालांकि इस दौरान पुलिस सख्त नजर आ रही है।
इतना ही नहीं बॉर्डर पर ही किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने खास तैयारी की है। इस दौरान पुलिस और किसानों की झड़प देखने को मिल रही है।
सरकार के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल अब और तेज हो गया है और पीछे कोई भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है।
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जानकारी के मुताबिक किसानों ने अपने आंदोलन को जारी रखने के लिए खास तैयारी की है। इसके साथ उनका आंदोलन लम्बा चले और सरकार के साथ मजबूती से लड़ाई लड़ी जाये इसके लिए अपने साथ अच्छा-खासा राशन लेकर आए है।
बताया जा रहा है कि किसानों ने अपने साथ ट्रकों में राशन, दूध, सब्जी, कंबल, कपड़े, गैस, चूल्हा जैसी अहम चीजे साथ लेकर आए है ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
सोशल मीडिया पर किसानों की इस तरह तैयारी का एक नोट भी तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि इस नोट में 17 बिंदुओं का उल्लेह किया गया है और बताया गया है कि किसान पीछे नहीं हटने वाले हैं और अपनी पूरी तैयारी के साथ यहां पर आए है। हालांकि यह नोट में 17 बिंदुओं को पंजाबी में वायरल किया गया है।
देखें यहां वो कौन से बिंदु है जिससे पता चलता है कितनी जोरदार तैयारी से यहां आए है…
- जलरोधी छत, ट्रॉली बनानी हो
- ट्रॉली में 12 वोल्ट LED लाइट लगाई हो
- पानी वाला कैंपर ट्रॉली में रखा हो
- आपके अपने बर्तन
- गर्म कपड़े पहनें
- कोलगेट, ब्रश, साबुन, तेल, तौलिया
- रजाई, ताले, कंबल
- आटा, दाल, चीनी, पत्ती, मिर्च, मसाला-नमक, रिफाइंड, प्याज, अचार
- पतीले बड़े, कढ़ाई, चाकू, परात, बाल्टियां, रस्सियां, डोलनी, छलनी, कटोरी, ग्लास
- आम ज़रूरत की दवाइयां
- मुसीबत के समय कहीं जाने के लिए ट्रॉली में मोटरसाइकल रखें
- एक फोल्डिंग बेड
- सभी के पास झंडा, बैज, ट्रॉली ट्रैक्टर वाला झंडा लेकर आएं
- ट्रैक्टर छाते वाले हों, ड्राइवर, ट्रैक्टर ब्रेक, रेडिएटर, इंजन तेल, टायर आदि जांच कर लाएं
- एक ट्रॉली पर 2 ड्राइवर होने चाहिए, मेडिकल किट, नशे से परहेज़ करने वाले हों
- बरसाती कोट या छाता हो, तो साथ लेके आएं
- मोबाइल का चार्जर
उधर सरकार भी किसानों की इस तैयारी से टेंशन में नजर आ रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि तीन दिसंबर को फिर से बातचीत के लिए किसानों को बुलाया है।
अब देखना होगा क्या सरकार इन किसानों का आंदोलन खत्म करवा पाती या नहीं। हालांकि पुलिस किसानों को रोकने के लिए कमर कस ली है लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है।