Tuesday - 29 October 2024 - 10:23 AM

ये है ‘नये भारत’ की तस्वीर

न्यूज डेस्क

यह नया भारत है। नये भारत में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि वो किसी को मार सकते हैं, अपमानित कर सकते हैं। नये भारत में गौ रक्षा के नाम पर भीड़ तंत्र खुलेआम पिटाई करती है तो वहीं यदि महिला बलात्कार का विरोध करती है तो पंचायत बुलाकार उसे सरेआम अपमानित किया जाता है, बाल मुंडवा कर गांव में उसकी परेड निकाली जाती है। यह नये भारत की तस्वीर है जिस पर दूसरे देश चर्चा करते हैं और भारत से अनुरोध करते हैं कि भारत में व्याप्त हिंसा और भय के माहौल को दूर करें।

तबरेज अंसारी का मामला अभी ठंडा हुआ नहीं कि बिहार में एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। बिहार के वैशाली में मां-बेटी द्वारा बलात्कार के प्रयास का विरोध करने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किए जाने की घटना सामने आई है।

यहां एक स्थानीय पार्षद और उसके लोगों ने एक 48 वर्षीय महिला के घर में घुस कर उसकी 19 वर्षीय बेटी से बलात्कार करने की कोशिश की। उन दोनों ने जब इसका विरोध किया तो आरोपितों ने महिलाओं के सिर मुंडवा दिए और पूरे गांव में उनकी परेड निकाली।

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पार्षद मोहम्मद खुर्शीद, एक नाई और तीन अन्य लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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पुलिस ने भी इस घटना की पुष्टि की है। भगवानपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ संजय कुमार ने घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म का विरोध करने पर आरोपितों ने पीडि़त मां-बेटी से मारपीट भी की थी।

बताया जाता है कि आरोपित ने लकड़ी के डंडों से महिलाओं की पीटा, उन्हें घसीटते हुए घर से बाहर निकाला और ‘पंचायत’ बुलाई। वहीं, पार्षद मोहम्मद खुर्शीद ने नाई को बुलाया और उसे दोनों महिलाओं के सिर मूंडने का आदेश दिया। उसके बाद पीड़िताओं की पूरे गांव में परेड निकाली गई। उधर, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि खुर्शीद ने दोनों महिलाओं पर किसी ट्रेड रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया था।

राज्य महिला आयोग ने ली घटना की जानकारी

इस घटना की जानकारी होने पर 27 जून की शाम राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्र और दो सदस्य नीलम सहनी और मंजू कुमारी के साथ गांव पहुंची। इन लोगों ने पीड़िताओं से बातचीत की। मां-बेटी ने घटना के बारे में विस्तार से बताया। पीड़ित मां ने बताया कि आरोपित पिछले एक साल से उसकी बेटी के पीछे पड़े हुए हैं।

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आरोपियों ने पीड़िताओं को धमकी दी थी कि इस मामले की जानकारी थाना एवं प्रसाशन को दिया तो उन्हें आग के हवाले कर देंगे।

पीड़ित के जमीन पर दबंगों का है कब्जा

पीडि़त लड़की के 72 वर्षीय पिता का कहना है कि वह मुस्लिम में कबाड़ी जाति से आते हैं, जबकि आरोपित अंसारी जाति से आते हैं। इनकी 16 डिसमिल जमीन पर दंबगों के परिजनों ने जबरन कब्जा कर रखा है। दबंग रजिस्ट्री करने के लिए उन पर दबाव बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन्हीं लोगों ने उसे गांव से निकाल दिया था। 24 वर्षों तक वह कोलकाता में रहे। कुछ गांव वालों ने प्रयास किया तब उन्हें दोबारा गांव में रहने दिया गया। अभी भीख मांगकर परिवार का गुजारा कर रहे हैं।

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