जुबिली स्पेशल डेस्क
कल रात से देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने की बात सामने आ रही थी लेकिन आज दोपहर में एक दम से खबर आ रही है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नहीं होंगे बल्कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे एकनाथ शिंदे।
इस खबर ने सबको चौंका दिया लेकिन ये तय हो गया है कि महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान खुद किया है।
फडणवीस के इस फैसले से राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है। ये किसी ने नहीं सोचा था कि दोगुनी से अधिक सीटों (120 विधायक) के बावजूद भाजपा शिंदे की शिवसेना (निर्दलीय समेत करीब 50 विधायक) को सत्ता सौंप देगी। अब ऐसे में सवाल है कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने ऐसा क्यों किया है।
खुद एकनाथ शिंदे ने भाजपा और फडणवीस के त्याग की तारीफ करते हुए कहा कि आज के समय में ऐसा होना मुमकिन नहीं लगता। यह पूरे देश के लिए मिसाल है। शिंदे ने कहा, कि आज भाजपा और फडणवीस जी ने शिवसेना प्रमुख बाला साहबे ठाकरे के सैनिक को सपोर्ट किया है, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा जी का आभार देता हूं।
खासकर देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद देता हूं, क्योंकि वह खुद भी इस पद पर रह सकते थे। इस राज्य में नहीं बल्कि देश में यह एक मिसाल होगी। आज के समय में मुझे नहीं लगता है कि कोई ऐसा कर सकता है। जो भरोसा भाजपा ने जताया है, उसको निश्चित रूप से हम लोग पूरा करने की कोशिश करेंगे।
माना जा रहा है कि बीजेपी ने अपना सीएम नहीं रखने का फैसला सोच समझकर किया है। उसने उद्धव ठाकरे से 2019 का हिसाब बराबर कर लिया है। इसके आलावा वो जनता में ये संदेश देना चाहती है बीजेपी को सत्ता नहीं चाहिए।
फडणवीस ने सीएम न बनकर अपने कदम पीछे जरूर किये हैं लेकिन उन्होंने इस कदम से लम्बी छलांग भी लगा दी है। जनता को बताना चाहती है कि उसने सरकार नहीं गिराई हिंदुत्व के अजेंडे से हट चुके उद्धव गुट को हटाकर बालासाहेब ठाकरे के नक्शे कदम पर आगे बढऩे वाली शिवसेना को सत्ता सौंपी है। ऐसे में उसका साफ संदेश यही है कि वो बालासाहेब ठाकरे को वैसे ही मानती है जैसे पहले मानती थी।