जुबली ब्यूरो
लखनऊ। कुमारी मायावती राजकीय महिला महाविद्यालय, बादलपुर की एनसीसी इकाई ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के विरुद्ध देश के युद्ध में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपने दायित्वों का निभाया और जनता कर्फ्यू तथा लॉक डाउन के प्रथम चरण में राष्ट्र की अपेक्षाओं को साकार किया।
गत 19 मार्च की रात आठ बजे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब राष्ट्र को दिये सम्बोधन में राष्ट्र का आवाहन किया कि 22 मार्च, 2020 को कोविड-19 के विरुद्ध उपचारात्मक रणनीति के तहत सम्पूर्ण भारत में पूर्णतः जनता कर्फ्यू रहेगा तो पूरा राष्ट्र उनके साथ खड़ा हो गया।
इसी क्रम में कुमारी मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बादलपुर की एनसीसी इकाई की समस्त महिला कैडेट्स ने महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. दिव्या नाथ, कर्नल जेपी सिंह (कमांडिंग ऑफिसर-13 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसी सी ग़ाज़ियाबाद), समस्त पीआई स्टाफ़ और समस्त जीसी आई स्टाफ के निर्देशन तथा डॉ. (लेफ्टिनेंट) मीनाक्षी लोहनी के नेतृत्व में सामाजिक जनजागरण अभियान शुरू कर दिया।
प्रत्येक कैडेट ने सोशल मीडिया के भिन्न-भिन्न आयामों एवम अंगों का सदुपयोग कर “जनता कर्फ्यू” को सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया। इसके अंतर्गत कैडेट्स ने 20 तथा 21 मार्च को फेसबुक, व्हाट्सअप, ट्विटर के माध्यम से लिखित एवम चित्रात्मक संदेश प्रसारित किये गए तथा शासन व्यवस्था एवम स्वास्थ्य विभाग की मंशा को निजी वीडियो संदेशों के माध्यम से जनता कर्फ्यू को सफल बनाने की अपील की।
इसके लिए महाविद्यालय की वेबसाइट तथा mygov।in पर “शपथ कार्यक्रम अभियान” में अपनी पूर्णतः सहभागिता दी गयी। जहां उन्होंने यह शपथ ली कि वे इस अभियान को सफल बनाने के सभी मापदंडों का स्वयं अनुपालन करेंगी तथा समाज के प्रत्येक वर्ग को इस हेतु अभिप्रेरित भी करेंगी।
22 मार्च को सभी कैडेट्स ने जनता कर्फ्यू के सभी निर्देशित मापदंडों को पूरा कर ठीक शाम पांच बजे अपने अपने घरों के प्रवेश द्वार पर कोविड-19 के विरुद्ध युद्ध में संघर्षरत चिकित्सकों, नर्सों व पुलिस प्रशासन के सम्मान में थाली एवम घंटियां बजाईं। आत्मिक संतुष्टि का यह पल महिला कैडेट्स के लिए भी विचित्र एवम विलक्षण रहा।
भारत सरकार ने इस अन्तर्राष्ट्रीय आपदा के दृष्टिगत 24 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिवसीय लॉक डाउन घोषित किया गया, जिसको शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए संस्था की कैडेट्स ने अपने घरों में स्वयं ‘सामाजिक दूरी के सिद्धांत’ का पालन करते हुए 23 मार्च से 26 मार्च तक व्यापक स्तर पर जन जागृति अभियान चलाया, जिसके अंतर्गत कैडेट्स ने कोविड-19 के संक्रमण से बचने के उपायों और सावधानियों को दर्शाते बैनर्स, लीफलेट्स, हैंगआउट्स एवम पोस्टर्स बनाये।
कैडेट्स ने सन्देशप्रद स्लोगन्स भी लिखे तथा सोशल मीडिया के माध्यम से उनका व्यापक प्रचार एवम प्रसार भी किया। 30 मार्च को डॉ।(लेफ्टिनेंट) मीनाक्षी लोहनी द्वारा महिला कैडेट्स के लिए ऑनलाइन वीडियो प्रदर्शित किया, जिसका शीर्षक था “आवश्यक सेवाओं का अर्थ, प्रकार एवम उनका रख रखाव”।
साथ ही ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाती रहीं ताकि कैडेट्स के निर्धारित पाठयक्रम को भी पूर्ण किया जा सके। 13 अप्रैल से 15 अप्रैल तक एन।सी।सी कैडेट्स के लिए “ऑनलाइन काउंसिलिंग कार्यशाला” का भी आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत शैक्षिक मनोविज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार द्वारा कैडेट्स को प्रथम दिवस “मानव मनोविज्ञान के उस सकारात्मक पक्ष” से अवगत कराया गया जिसके कारण वह आपदाओं पर विजय प्राप्त कर सकता है और आत्मविश्वास के साथ समस्याओं में से ही समाधान खोज लेता है।
इसके अंतर्गत “प्रेपैरेडनेस ऑफ एन।सी।सी फ़ॉर कोविड-19” शीर्षक पर चार प्रशिक्षण मॉड्यूल क्रमशः डॉ। शीतल वर्मा, डॉ प्रशांत गुप्ता ,डॉ। विनय कुमार गुप्ता तथा डॉ। आदर्श त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत किये गए। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि प्रशिक्षण के उपरांत मूल्यांकन में 35 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले कैडेट को ऑनलाइन सर्टिफिकेट दिया जाएगा।