जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 2017 वाले फार्मूले से ही सत्ता में दोबारा से वापसी करने का फैसला किया है. पार्टी यह चुनाव योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर ही लड़ेगी. इस चुनाव में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बड़ी ज़िम्मेदारी देने का फैसला किया गया है. पार्टी ने नारा भी तैयार कर लिया है कि बूथ जीता तो सब जीता.
बीजेपी ने 2017 के चुनाव में भी ब्लाक लेबल पर की गई मेहनत का नतीजा पाया था. पार्टी ने इस बार भी यही तय किया है कि जिस कार्यकर्त्ता के पास जिस बूथ की ज़िम्मेदारी होगी उसे उस बूथ के सभी मतदाताओं को सरकार के पांच साल के कान बताने होंगे. कोरोना काल में सरकार ने जिस मेहनत से काम किया है. जिस तरह से आक्सीजन की कमी दूर की. जिस तरह से लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया और टीकाकरण का काम तेज़ी से कराया उसे घर-घर जाकर बताने की ज़रूरत है.
पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि पिछले चुनाव में हमारे सामने सिर्फ डबल इंजन सरकार देने का वादा भर था लेकिन इस बार तो हमारे पास पांच साल के कामकाज का लेखाजोखा है. इस बार बूथ स्तर पर यह बात बताई जा सकती है कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल प्रदेश में सबसे तेज़ गति से कोरोना को काबू में किया गया और सबसे तेज़ गति से वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया.
2022 में होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी का उत्साह इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि योगी आदित्यनाथ और ए.के.शर्मा के बीच का विवाद थम गया है. ए.के.शर्मा ने प्रदेश उपाध्यक्ष बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भरोसा भी जता दिया है.
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बीजेपी ने तय किया है कि पार्टी एक तरफ कोरोना के खिलाफ सरकार के अभियान के बारे में बताएगी तो दूसरी तरफ कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों से मुलाक़ात भी करेगी और उनकी समस्याओं को दूर करने की कोशिश करेगी.