जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. काशी और मथुरा मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मामले में वाराणसी की अदालत ने कमिश्नर नियुक्त करते हुए उन्हें 19 अप्रैल को मन्दिर और मस्जिद का दौरा करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा है कि कमिशनर के दौरे के दौरान वीडियो रिकार्डिंग कराई जाए. कमिश्नर के दौरे के समय मौके पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबल तैनात किये जाने का भी आदेश दिया गया है.
वाराणसी जैसा विवाद ही मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि का भी है. भारत हिन्दू महासभा के दिनेश कौशिक ने अदालत से कृष्ण जन्मभूमि परिसर से शाही मस्जिद और ईदगाह हटाये जाने की मांग की है. अदालत ने ईदगाह कमेटी को नोटिस जारी कर इस मुकदमे से सम्बन्धित कापी तलब की है. कृष्ण जन्मभूमि के सम्बन्ध में दिनेश कौशिक द्वारा दायर मुकदमे की सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीज़न ने ईदगाह कमेटी से कहा कि इस मुकदमे से सम्बन्धित जो साक्ष्य उनके पास हैं वह उसकी कापी अदालत में दाखिल करें. दिनेश कौशिक ने अदालत से कहा है कि मस्जिद और ईदगाह को परिसर से हटाकर पूरी 13.37 एकड़ ज़मीन वापस करवाई जाए. अदालत इस सम्बन्ध में चार मई को अगली सुनवाई करेगी.
उधर वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मुसलमान पांच वक्त की नमाज़ रोजाना अदा करते हैं. इस मस्जिद के सम्बन्ध में 1991 में वाराणसी के सिविल जज की अदालत में मुकदमा दायर किया गया था जिसमें बताया गया था कि बा जहां मस्जिद है वहां पर लार्ड विशेश्वर का मंदिर था. मुग़ल शासकों ने मन्दिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण कर लिया था. मुकदमा दायर करने वालों ने अदालत से कहा था कि मौके की वीडियोग्राफी कराये जाने की ज़रूरत है. अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कमिश्नर नियुक्त किया और उन्हें 19 अप्रैल को मौके का दौरा करने और उसकी वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया.
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