जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी दूसरी पारी की शुरुआत में ही काफी कॉंफिडेंट नज़र आ रहे हैं. अपने मंत्रीमंडलीय सहयोगियों के सामने उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह अफसरों के भरोसे नहीं रहें. काम हर हाल में होना चाहिए और काम के प्रति वह अपनी जवाबदेही को महसूस करना सीख लें. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उन्हें जो विभाग मिले हैं उनमें वह इस तरह से सक्रिय रहें कि अपने विभाग के काम को न सिर्फ समझें बल्कि उसके प्रति जवाबदेह भी बन सकें.
मुख्यमंत्री ने यह भी साफ़ कर दिया है कि अब कैबिनेट के सामने विभाग का प्रस्तुतीकरण मंत्री को खुद करना होगा. अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सिर्फ उनके मददगार के रूप में उनके साथ मौजूद रहेंगे. सीएम योगी ने मंत्रियों से कहा है कि जनसमस्याओं की तरफ ज़रा भी लापरवाही नाकाबिले बर्दाश्त होगी. जनसमस्याओं का निस्तारण समयबद्ध करना होगा. इसमें जरा से भी शिथिलता बर्दाश्त नहीं होगी.
सीएम योगी ने अफसरों को भी बता दिया है कि अब कैबिनेट के सामने विभागीय प्रस्तुति मंत्री ही देगा. इसलिए अफसर अब मंत्रियों को खुद पर आश्रित न रहने दें. अफसरों पर आश्रित रहने की वजह से मंत्री कैबिनेट में चर्चा के लिए लाए जाने वाले प्रस्ताव को समझा नहीं पाते हैं. दरअसल मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल को इस अंदाज़ में चलाना चाहते हैं कि उसमें मंत्रियों को हर बात की जानकारी रहे और अफसरों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके.
अपने मंत्रियों के साथ ही अफसरों को भी मुख्यमंत्री खुला छोड़ने को तैयार नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी विभागाध्यक्ष अपने आधीन आने वाले कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करें. वहां की स्वच्छता से लेकर फाइलों की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी रखें. जिस अफसर से भी उसके विभाग के बारे में पूछा जाए उसे उसके बारे में हर बात का पता होना चाहिए. पूछे जाने के बाद वह अपने मातहतों से सवाल जवाब न करें.
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