जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। दिवालियापन मामलों की अदालत एनसीएलटी ने अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ट्विन स्टार को 3,000 करोड़ रुपए में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण करने की मंजूरी दे दी।
वेदांता ग्रुप की कंपनी ट्विन स्टार 90 दिनों के भीतर करीब 500 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान करेगी और बाकी धनराशि का भुगतान कुछ समय के भीतर गैर परिवर्तनीय रिणपत्रों के रूप में करेगी।
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राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की दो सदस्यीय मुंबई पीठ ने ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की प्रस्ताव योजना को मंजूरी दे दी। पीठ में एच पी चतुर्वेदी और रविकुमार दुरईसामी शामिल थे।
कानूनी सेवा कंपनी शर्दुल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर अनूप रावत ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए पीटीआई-भाषा से कहा, “एनसीएलटी ने आज ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज द्वारा दायर प्रस्ताव योजना को मंजूरी दे दी।” रावत मामले में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के समाधान पेशेवर की मदद कर रहे थे। पीठ ने मौखिक रूप से फैसला सुनाया और फैसले की विस्तृत प्रति अब तक नहीं आई है।
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रावत ने कहा कि यह दिवालियापन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और गुणवत्ता वाले मामलों के लिए यह एक शानदार मिसाल तय करता है। उन्होंने कहा इस तरह के कारोबार से जुड़ी कंपनियों की संख्या को देखते हुए यह सबसे जटिल मामलों में से एक था और काफी चुनौतीपूर्ण था। प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों ने एक सफल प्रस्ताव हासिल करने के लिए लगातार मेहनत की।