जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर मौजूदा दौर चाहे जिस स्तर की टिप्पणियाँ की जा रही हों लेकिन दुनिया के सामने गांधी जी का क्या कद है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांधी जी ने जिस चश्मे का इस्तेमाल 1920 में किया था उसे दो करोड़ 55 लाख रुपये में नीलाम किया गया है. इस चश्मे को एक अमेरिकन कलेक्टर ने इतनी बड़ी राशि देकर खरीद लिया.
भारतीय आज़ादी के नायक महात्मा गांधी ने अहिंसा के रास्ते पर चलकर आज़ादी हासिल की थी. अपनी ज़बान के बल पर दुनिया को अपना बना लेने का फन रखने वाले गांधी जी अपने चाहने वालों को समय-समय पर कोई न कोई भेंट दे दिया करते थे. दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी ने 1920 में अपने एक प्रशंसक को अपना चश्मा भेंट कर दिया था. यह चश्मा कई पीढ़ियों तक इस परिवार के पास ही रहा.
इस चश्मे को लिफ़ाफ़े में रखकर कोई ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शन कंपनी के लेटर बॉक्स में डालकर चला गया. कंपनी के ऐंड्रयू स्टो ने समझ लिया कि इस चश्मे को लम्बे समय से संभालने वाले परिवार को इस चश्मे की कीमत का कोई अंदाजा नहीं है. कंपनी ने तय किया कि वह इस चश्मे को नीलाम करेगी.
यह भी पढ़ें : इन 62 कानूनों को खत्म करने की तैयारी में है योगी सरकार
यह भी पढ़ें : रक्षा मंत्रालय ने CAG को क्यों नहीं दी राफेल डील से जुड़ी कोई जानकारी ?
यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगा पहला औद्योगिक पार्क
यह भी पढ़ें : बिहार विधानसभा चुनाव : जल्द शुरु होगा पाला बदल का दूसरा दौर
चश्मे की नीलामी की तारीख तय की गई. गांधी जी का चश्मा हासिल करने के लिए तमाम लोग बोली लगाने के लिए आये. एक अमेरिकन कलेक्टर ने सबसे ज्यादा बोली लगाई और दो करोड़ 55 लाख रुपये देकर चश्मा खरीद लिया. गांधी जी के चश्मे की इतनी बड़ी कीमत मिलने की बात जब इस चश्मे को एक सदी तक संभालने वाले परिवार के बुज़ुर्ग सदस्य मैग्सफील्ड को हुई तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. ऐसा लगा जैसे कि उन्हें हार्ट अटैक हो जाएगा. उन्होंने बताया कि उनकी मेज़ की दराज़ में यह चश्मा एक अरसे से पड़ा हुआ था.