ओम दत्त
प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अप्रैल , दिन रविवार को रात 9:00 से 9:09 तक घरों में लाइट बंद करके दीया, मोमबत्ती, मोबाइल लाइट की रोशनी करने की अपील की है। आज इसमें सफाई भी आयी है कि, केवल घरों की बिजली बन्द करने को कहा गया है।इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे कंप्यूटर, टीवी, एसी, फ्रिज को बन्द करने के लिए नहीं कहा गया है। यह भी बताया गया है कि स्ट्रीट लाइट औरआवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित लाइटें ऑफ नहीं की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के पूरे देश में एक समय पर घरों की बत्ती बन्द करने की अपील से विद्युत विभाग परेशानी में पड़ गया है,क्योंकि बिजली के उपयोग में कमी आने से ग्रिड के फेल होने और लंबे समय तक ब्लैक आउट की संभावना हो सकती है ।
सीआईसी “केंद्रीय विद्युत विनियामक प्राधिकरण” के निर्देशानुसार ,देश में बिजली के ग्रिड्स में बिजली के प्रवाह को घटाने और बढ़ाने के लिए फ्रिक्वेंसी निर्धारित की जाती है और उसका प्रबंधन किया जाता है ।इसलिए अचानक बिजली के उपयोग में कमी या अधिकता होने पर ग्रिड के फेल होने का खतरा उत्पन्न होने का डर है।
कई राज्य सरकारों ने आलोचना भी की है
ऐसा माना जा रहा है कि जब देश की देश की आबादी रात 9:00 बजे से एक साथ लाइटें बंद करेगी तो अचानक बिजली की मांग में 12 फ़ीसदी की गिरावट आ सकती है और फिर 9 मिनट बाद अचानक बेतहाशा तेजी आएगी जिससे ब्लैकआउट का खतरा हो जाएगा।
ऊर्जा मंत्रालय के सेक्रेटरी का कहना है कि ,5 अप्रैल को रात 9 बजे लाइट बंद करने की अवधि के दौरान ग्रिड बैलेंसिंग की प्रक्रिया लागू है… लोगों को चिंता न करने और हमेशा की तरह सभी उपकरणों को चलाने का आश्वासन दिया जाए… स्थानीय निकायों (निगम, पालिकाओं ) को भी स्ट्रीट लाइट चालू रखने को कहा है।
सीआईसी “केंद्रीय विद्युत विनियामक प्राधिकरण” के निर्देशानुसार देश में बिजली के ग्रिड्स में बिजली के प्रवाह को घटाने और बढ़ाने के लिए फ्रिक्वेंसी निर्धारित की जाती है और उसका प्रबंधन किया जाता है।
पावर सिस्टम ऑपरेशन कारपोरेशन लिमिटेड (पी ओएसओसीओ)को 5 अप्रैल की रात 9:00 से 9:09 बजे तक बिजली में गिरावट को मैनेज करने का जिम्मा दिया गया है। इसकी वैसे भी एनटीपीसी जैसी केंद्रीय उपयोगिता वालों को भी आसानी से चालू रखा जा सकता है ताकि ग्रिड आवश्यकतानुसार स्विच ऑफ हो सके।
इलेक्ट्रिक ग्रिड कैसे फेल होता है
ओबरा पावर हाउस के सेवानिवृत्त अभियंता श्री उमेश चन्द्र के अनुसार- एक पावर ग्रिड को कम से कम 47और अधिक से अधिक 51हर्ट्ज पर मेनटेन करना होता है।स्टैण्डर्ड फ्रिक्वेंसी 49 हर्ट्ज निर्धारित है। जब खपत कम हो जाती है तो यह फ्रिक्वेंसी 51 हर्ट्ज हो जाएगी तब थर्मल बैकिंग (उत्पादन कम) की जाती है।
अचानक बड़ी लाइन खराब होने और आपूर्ति में बाधा आ जाने से इसे कंट्रोल करना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है। एक बार ग्रिड के फेल होने की स्थिति में उसे चालू करने में कई घंटे लगते हैं।
लाक डाउन में बिजली की मांग घटी है
लाक डाउन के कारण वैसे ही बिजली की मांग में लगभग 25% की कमी आई है ।यह गिरकर 125.81 गीगा वाट पर आ गई है,और यदि अचानक 130करोड़ की आबादी वाला देश एक साथ एक समय पर 9मिनट के लिये पीक आवर में बत्ती बंद कर देगा तो पावर ग्रिड में संतुलन बनाना कठिन हो जायेगा।
देश में सबसे अधिक 168.32 गीगा वाट बिजली की मांग रही है। यह गिरावट उद्योगों के बंद होने और राज्यों की मांग में कमी होने के कारण आ गई है।
एक आंकड़े के अनुसार देश में 22 मार्च को ,जनता कर्फ्यू के दिन मांग थी 135. 20 गीगा वाट ,23 मार्च को 145.49हो गयी। लाक डाउन के बाद 26 मार्च को 120 .31की मांग रही। 27 मार्च से मांग में कमी आती गयी । एक अप्रैल को कुल मांग 123.30 और 2अप्रैल को 125. 87 की मांग रही।
एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने बताया कि लाकडाउन में बिजली की मांग कम होने से ग्रिड में स्थिरता बनाए रखना एक चुनौती है। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्रिड इस चुनौती को स्वीकार कर लेगी ।
यूपीपीटीसीएल ,लखनऊ के निदेशक ने पत्र जारी कर कहा है कि 5 अप्रैल 2020 को घरों की बिजलियां बंद रखने से उत्तर प्रदेश ,हालांकि पूरे देश में यह होगा ,लगभग 3000 मेगावाट का लोड तेजी से कम होगा यह बहुत ही थोड़े समय के लिए होगा और लोड में इस गिरावट की वजह से हाई वोल्टेज उत्तर प्रदेश के पावर ग्रिड में होगा।
इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए पावर ग्रिड को सुरक्षित तरीके से संचालित करने के लिए पावर ग्रिड के फील्ड ऑफिसर को सही निर्देश दिए गये हैं। बिजली विभाग के प्रवक्ता के अनुसार,बिजली मंत्री ने भी ग्रिड की स्थिरता को बनाए रखने का आश्वासन दिया है।
(लेखक जुबिली पोस्ट मीडिया वेंचर में एसोसिएट एडिटर के पद पर कार्यरत हैं)