जुबिली न्यूज डेस्क
श्रीनगर: देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम का भंडार पाया गया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. यह भविष्य में सबसे अधिक काम आने वाला खजाना साबित होगा. इसकी खासियत है कि यह नॉन फेरस मेटल है, जो इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल की बैटरी में इस्तेमाल होने के लिए जरूरी है.
चीन की दादागिरी होगी खत्म
खान मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, ‘भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन मिला है. बता दें कि चीन और ऑस्ट्रेलिया दुनियाभर में लिथियम के बड़े सप्लायर हैं, भविष्य में लिथियम की मांग तेजी से बढ़ने वाली है क्योंकि यह EV बैटरियों के बनाने में उपयोग होता है. अब भारत के पास खुद इसका भंडार हैं, यानी चीन की दादागिरी खत्म होने वाली है.
लिथियम और गोल्ड सहित 51 खनिज ब्लॉक
मंत्रालय ने बताया, ‘लिथियम और गोल्ड सहित 51 खनिज ब्लॉक संबंधित राज्य सरकारों को सौंप दिए गए हैं.’ इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं और अन्य ब्लॉक 11 राज्यों में हैं, जिसमें जम्मू और कश्मीर (यूटी), आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल है. ये ब्लॉक पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल आदि जैसी वस्तुओं से संबंधित हैं.
GSI द्वारा फील्ड सीजन 2018-19 से अब तक किए गए कार्यों के आधार पर ब्लॉक तैयार किए गए थे. इनके अलावा कुल 7897 मिलियन टन संसाधन वाले कोयला और लिग्नाइट की 17 रिपोर्टें भी कोयला मंत्रालय को सौंपी गईं. बैठक के दौरान विभिन्न विषयों और इंटरवेंशन क्षेत्रों जिसमें जीएसआई संचालित होता है, पर सात प्रकाशन भी जारी किए गए.
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मंत्रालय ने कहा, “आगामी फील्ड सीज़न 2023-24 के लिए प्रस्तावित वार्षिक कार्यक्रम बैठक के दौरान प्रस्तुत किया गया और चर्चा की गई. आगामी वर्ष 2023-24 के दौरान, GSI 12 समुद्री खनिज जांच परियोजनाओं सहित 318 खनिज अन्वेषण परियोजनाओं सहित 966 कार्यक्रम चला रहा है.” भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिजों पर 115 परियोजनाएं और उर्वरक खनिजों पर 16 परियोजनाएं तैयार की हैं.
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