न्यूज़ डेस्क
अजरबैजान। भारत में तो ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपने चमत्कार के लिए मशहूर हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो मुस्लिम देश में मौजूद है। भारत में तो आपको हर जगह मस्जिद दिख जाएंगे। लेकिन किसी मुस्लिम देश में मंदिर होना और वहां होने वाली नियमित पूजा होना काफी रोचक है।
भारत में हिंदुओं की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद यहां हर धर्म के लोगों को बराबर अधिकार दिए गए हैं। लेकिन ऐसे कई इस्लामिक देश हैं, जहां हिंदुओं को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ये भी पढ़े: दिल्ली विधानसभा चुनाव आठ फरवरी को
हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो इस्लामिक देश में बना है। लेकिन वहां कई सालों से कोई भी भक्त दर्शन करने नहीं पहुंचा है। हम बात कर रहे हैं रूस और ईरान के बीच में स्थित मुस्लिम देश अजरबैजान में बने एक हिन्दू मंदिर की।
ये भी पढ़े: “जनता की आंखों में धूल झोंकना चाहती है AAP”
यह मंदिर अजरबैजान देश के सुराखानी नामक स्थान पर बना है। यह मां भगवती का मंदिर है, जिसके बारे में यह कहा जाता है कि यह कोई सामान्य मंदिर नहीं है बल्कि मां भगवती का प्राचीन मंदिर है।
इस मंदिर को यहां के लोग ‘आतिशगाह अथवा टेंपल ऑफ फायर’ के नाम से जानते हैं। यह मंदिर काफी अलग है, भारत के अन्य मंदिरों में आपको इस मंदिर से अलग नज़ारा दिखेगा।
दरअसल मां भगवती के इस मंदिर को आप अमूमन वीरान ही पाएंगे। यहां ना तो कभी भक्तों का तांता लगता है ना ही मां के नाम के जयकारे लगते हैं। यहां कोई नहीं आता, यह मंदिर खाली ही रहता है। 300 साल से ज्यादा पुराना ये मंदिर अपने भक्तों के लिए तरसता है।
ये भी पढ़े: PF पर लग सकता है झटका, घट सकती है ब्याज दरें!
कहा जाता है कि इस मंदिर में कोई भी नहीं आता, फिर भी यहां मां के नाम की ज्योत निरंतर लगती रहती है। यह ज्योत कैसे जल रही है यह कोई नहीं जानता। लेकिन मान्यता है कि हो ना हो यह ज्योत मां भगवती का ही रूप है।
मां इस मंदिर में स्वयं ज्योत के रूप में विराजमान हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर में एक त्रिशूल भी मौजूद है, जो काफी पवित्र माना जाता है।मंदिर के निर्माण की करें तो कुछ साल पहले हिंदुस्तान के कारोबारी रूस और ईरान के बीच पड़ने वाले इस देश के इस स्थान से होकर गुजरे थे। कहा जाता है कि इन्हीं लोगों ने मां भगवती का यह मंदिर बनवाया था।
ये भी पढ़े: CAA : ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ और आजादी के नारे लगाने वालों से बात नहीं करेगी सरकार