न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। लॉकडाउन के चलते जहां बहुत से लोगों का टाइम घर पर नहीं कट रहा है। वहीं कई ऐसे लोग भी हैं, जो शेड्यूल बनाकर इस समय का बेहतरीन उपयोग कर रहे हैं। वे मस्ती करते हुए परिवार के साथ दिन गुजार रहे हैं और लॉकडाउन की टेंशन को अपने से दूर कर चुके हैं।
कोई नयी डिश बनाने में लगा है, कोई गेम, तो कोई परिवार के साथ। आइए जानते हैं, दो ऐसे ही परिवारों के बारे में जो अपना समय काटने के किस तरह के रूटीन को फॉलो कर रहे है।
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कोरोना की अपडेट से होती है दिन की शुरुआत
अनामिका श्रीवास्तव
पति- अखिल श्रीवास्तव
बेटा- अक्श
लॉकडाउन में पूरे परिवार ने तय कर रखा है कि उन्हें घर का कौन-कौन सा काम करना है। सुबह होते ही सब अपने-अपने काम में लग जाते हैं, ऐसे में पता ही नहीं चलता है कि दिन कब गुजर गया।
न्यूज से होती है शुरुआत
सुबह उठते ही सबसे पहले न्यूज चैनल देखती हूं और कोरोना की अपडेट लेती हूं। बाकी कामों से फ्री होकर सबके लिए नाश्ता बनाती हूं और फिर पूरे घर की साफ- सफाई के बाद घर को सेनेटाइज करती हूं। ऐसा बिलकुल नहीं है कि स्कूल बंद है तो पढ़ाई भी बंद… मेरा बेटा समय के पढ़ाई भी करता है।
नाश्ता करने के बाद सभी बाकी परिजनों से वीडियो चैट करते हैं। पहले हम उनसे डेली बात नहीं कर पाते थे। मेरा करीब 2 घंटे का समय इसमें बीत जाता है। इसके बाद मैं लंच की तैयारी करती हूं।
लंच के बाद पूरा परिवार मूवी देखता है। मूवी कौन सी देखी जाएगी, यह मेरे पति और बेटे तय करते हैं। मूवी खत्म होती है तो चाय-नाश्ता करने के बाद सभी मिलकर गेम खेलते हैं। रात में डिनर भी सभी लोग साथ करते हैं। इसके बाद फिर कुछ देर सब लोग बात करते हुए लूडो खेलते है। फिर सोने की तैयारी करते है।
अनामिका श्रीवास्तव, स्कूल टीचर
कोशिस होती है खुशियों भरा रहे हर दिन
रवि भूषण
वाइफ- बबिता देवी
बच्चे- देवेंद्र, आशीष और निहारिका
लॉकडाउन से पहले सभी अपने काम में बिजी रहते थे, वहीं अब घर पर सब एक साथ क्वॉलिटी टाइम स्पेंड कर रहे हैं। यही नहीं हम एक दूसरे की प्रतिभा को निखारने का काम भी कर रहे हैं। हम एक साथ ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर कर रहे हैं। शाम को बच्चों के साथ खेलना भी आदत में शुमार हो गया है। पहले यह किसी सपने जैसा था।
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सुबह हम घर में सफाई अभियान चलाते हैं तो शाम को मिलकर बात करते हैं और पुरानी यादों को ताजा करते है। पहले बच्चों के साथ टाइम बिताने का मौका नहीं मिलता था, अब पूरा दिन उनके साथ गुजर रहा है। मैं कैरम और चेस खेलना सीख रहा हूं।
जब से लॉकडाउन हुआ है और सभी घरों में हैं, तब से बहु निहारिका डेली नई- नई डिश बनाकर खिला रही है। बच्चे भी किचन के काम में हेल्प कर रहे हैं। हमारा पूरा दिन इस तरह मिल-जुल कर गुजर जाता है। वाइफ दोपहर में सिलाई- बुआई में व्यस्त रहती है और मैं आराम करता हूं। बेटों को रोज यही सिखाते हैं कि जीवन में आने वाली चुनौतियों से किस तरह से निपटा जाना चाहिए।
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