जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के डराने वाले आंकड़ों के बीच मदद के जो हाथ बढ़े हैं वह बड़ी राहत देने वाले हैं. कोई आक्सीजन दे रहा है, कोई दवाइयाँ पहुंचा रहा है. महाराष्ट्र का एक अंग्रेज़ी शिक्षक कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए पीपीई किट पहनकर ऑटो चला रहा है तो राजस्थान का नौजवान पंकज गुप्ता प्लाज्मा दान करने का रिकार्ड बना चुका है. इस नौजवान ने अब तक नौ बार प्लाज्मा दान किया है और इससे 18 लोगों की जान बचाई जा चुकी है.
कोटा में एक हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी में प्रबंधक पंकज गुप्ता ने नौ बार प्लाज्मा डोनेट कर 18 लोगों की जान बचाई. अभी वह इस रिकार्ड को और बढ़ाना चाहते हैं, इसी वजह से उन्होंने अब तक वैक्सीन भी नहीं लगवाई है. पंकज का कहना है कि शरीर में जब तक एंटीबाडी बनती रहेगी वह प्लाज्मा डोनेट करते रहेंगे.
पंकज गुप्ता की तरह से मनीष सरोंजा भी चार बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. मनीष के परिवार में आठ लोगों को कोरोना हुआ था इसलिए वह प्लाज्मा की अहमियत को अच्छी तरह से समझ रहे हैं.
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कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा काफी अहमियत रखता है. प्लाज्मा के ज़रिये मरीज़ को जल्दी बेहतर स्थिति में लाया जा सकता है. उसके शरीर में एंटीबाडी को डेवलप करने के लिया प्लाज्मा का सहारा लिया जाता है. प्लाज्मा सिर्फ वही व्यक्ति दे सकता है जिसे खुद कोरोना हुआ हो और उसने कोरोना को मात दी हो.