जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। बीते कई महीनों से कांग्रेस पार्टी में घमासान देखने को मिल रहा है। कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर पार्टी में काफी बवाल हुआ था। हालांकि अभी तक कांग्रेस को नया अध्यक्ष नहीं मिला है और सोनिया गांधी अभी भीअपने पद पर बनी हुई है। इतना ही नहीं इस दौरान कांग्रेस दो खेमों में बंटती नजर आई। इसके बाद से साफ लग रहा था कि कांग्रेस अपने संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है।
इसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस ने नई सीडब्ल्यूसी की घोषणा शुक्रवार की शाम को कर दी है। कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाते हुए अनुभवी और वरिष्ठ नेताओं को इस सूची से बाहर कर दिया है। इनमें गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल बोरा, अंबिका सोनी, मल्लिकार्जुन खडग़े को भी महासचिव पद से हटाने का फैसला किया है।
इस नई सीडब्ल्यूसी में 26 इनवाइटी सदस्य और 10 स्पेशल इनवाइटी सदस्य को शामिल किया गया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने सोनिया गांधी के सहयोग के लिए 6 सदस्य कमेटी भी बनायी है।
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जानकारी के मुताबिक यह कमेटी कांग्रेस अध्यक्ष को ऑर्गेनाइजेशनल और ऑपरेशनल मामलों में मदद करेगी। इस कमेटी में महासचिव केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, एके एंटोनी, मुकुल वासनिक और रणदीप सुरजेवाला को होंगे सदस्य, यह कमेटी कांग्रेस की अगले अधिवेशन तक कार्य करेगी।
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- हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी महासचिव बनाया गया
- मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया
- राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश प्रभारी बनाया गया
- जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार का प्रभारी नियुक्त किया गया
- कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटका की ज़िम्मेदारी दी गई
- विवेक बंसल को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया
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Congress re-constitutes the Congress Working Committee (CWC) and its Central Election Authority pic.twitter.com/L2VIOw6VTg
— ANI (@ANI) September 11, 2020
बता दें कि कांग्रेस अभी काफी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रही है। कई राज्यों में उसकी सरकार बनकर गिर गई है। हालांकि राजस्थान में किसी तरह से उसकी सरकार जरूर बच गई है।
गुजरात में सत्ता में आने के बाद कुछ दिन बाद उसकी सरकार वहां से चली गई। इतना ही नहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी में तब और रार देखने को मिली जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने की मांग के साथ-साथ संगठन में बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं ने पत्र लिख दिया था।
इस मामले में कांग्रेस में घमासान देखने को मिला था लेकिन मामला किसी तरह से शांत हो गया था। अब देखना होगा कि नई सीडब्ल्यूसी कांग्रेस को फिर से वहीं पहचान दिलाती है या नहीं।