जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए पुलिस लगातार कोशिशों में जुटी है। कानपुर हत्याकांड का मास्टरमाइंड विकास दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इस तरह से विकास दुबे की साम्राज्य का अंत हो गया था लेकिन विकास के एनकाउंटर के बाद से ही सूबे के अपराधियों में खौफ का माहौल साफ देखा जा सकता है। दरअसल योगी सरकार ऐसे खतरनाक अपराधियों पर लगातार नकेल कस रही है लेकिन विकास दुबे के साथ उसके गुनाह में शामिल 11 खतरनाक अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
हालांकि एसटीएफ लगातार इन लोगों की तलाश में जुटी है और देर रात कई स्थानों पर छापेमारी भी की जा रही है। इस दौरान बदमाशों के रिश्तेदारों को पूछताछ के लिए उठाया गया उन्हें पूछताछ के लिए छोड़ दिया गया। पुलिस इन गुर्गों की लोकेशन भी खोज रही है। एसटीएफ लगातार छापेमारी कर रही है लेकिन अब भी पुलिस की पकड़ में नहीं आए है।
ये भी पढ़े: कोरोना :15 दिन में ही तबाह हो गया परिवार, मां समेत पांच बेटों की मौत
ये भी पढ़े: कारोबारियों का गेम प्लान तो नहीं है कोरोना ?
इनकी तलाश में जुटी पुलिस
बिकरू गांव आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद एफआईआर में विकास दुबे के अलावा अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार, प्रभात मिश्रा, बउवा, हीरू, शिवम, जिलेदार, राम सिंह, उमेश चन्द्र, गोपाल सैनी, अखिलेश मिश्रा, विपुल, श्यामू बाजपेई, राजेन्द्र मिश्रा, बाल गोविंद, दयाशंकर अग्निहोत्री शामिल थे। इन लोगों में से पुलिस ने विकास दुबे, अमर, अतुल, प्रेम कुमार, प्रभात और बउआ को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था।
हालांकि विकास दुबे के बचे हुए साथियों की तलाश में पुलिस जुटी है। इसके लिए कानपुर देहात, औरैया और झांसी में पुलिस की टीम विशेष ऑपरेशन चला रही है। इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा लोगों की पूछताछ की गई लेकिन फिलहाल अभी कोई खास जानकारी हाथ नहीं लग सकी है। इनको दबोचने के लिए टीम ने 250 नम्बरों को सर्विलांस पर लिया हुआ। उनकी ट्रेकिंग की जा रही है। अब देखना होगा कि विकास के बचे हुए साथियों को पुलिस कब पकड़ती है।
ये भी पढ़े: सचिन पायलट को लेकर उमर और भूपेश बघेल क्यों भिड़े?
ये भी पढ़े: ब्यूबोनिक प्लेग: मानव इतिहास में सबसे खतरनाक संक्रामक महामारी
ऐसे मारा गया था विकास दुबे
बता दें कि कानपुर के चौबेपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या से पूरी यूपी दहल गई थी। इस कारनामे को अंजाम विकास दुबे ने दिया था। इस घटना के बाद विकास फरार चल रहा था। यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीमें विकास को खोज रही थी, लेकिन वह यूपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में खुद को पुलिस के हवाले कर दिया।
ये भी पढ़े: सियासत की गुदड़ी के लाल थे लाल जी टंडन
ये भी पढ़े: जेफ बेजोस ने एक दिन में कैसे कमाए 13 अरब डॉलर?
ये भी पढ़े: कोरोना का कहर : अब ये कंपनी करेगी कर्मचारियों की छंटनी
यूपी पुलिस उसे मध्य प्रदेश से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी। पुलिस के मुताबिक कानपुर के भौती के पास ही पुलिस की गाड़ी पलट गई जिसमें विकास दुबे भी था। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था लेकिन वह नहीं माना। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उस पर फायरिंग की, जिसमें वह मारा गया था।