Friday - 25 October 2024 - 8:35 PM

बिहार के धान घोटाले में शामिल यह प्रशासनिक अधिकारी अब काटेंगे जेल

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

नई दिल्ली. बिहार का चारा घोटाला पूरे देश में लम्बे समय से चर्चा का विषय रहा है. इसी घोटाले की वजह से बिहार की लम्बे समय तक कमान संभालने वाले लालू प्रसाद यादव को कई साल जेल में गुज़ारने पड़े लेकिन अब बिहार के कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी धान घोटाले में जेल काटने वाले हैं.

बिहार में 25 से 30 करोड़ रुपये के धान का गबन कर लेने वाले प्रशासनिक अफसरों की राज्य के विधि विभाग ने पहचान कर ली है. इन अफसरों के खिलाफ अब धान घोटाले का अदालत में मुकदमा चलेगा. बिहार सरकार ने इस सम्बन्ध में आदेश भी जारी कर दिया है.

विधि विभाग ने उन बेईमान अफसरों की पहचान की है जिन्होंने राईस मिल के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया और हज़ारों टन चावल गायब कर दिया. यह माना जा रहा है कि जब इन अफसरों पर अदालती कार्रवाई शुरू होगी तो कुछ और प्रशासनिक अफसरों के चेहरे भी सामने आयेंगे जो इस घोटाले में शामिल थे लेकिन अपनी चालाकी की वजह से विधि विभाग के रडार पर आने से बच गए.

यह बेईमान प्रशासनिक अफसर पकड़ में इसलिए आ गए क्योंकि इन्होंने चावल की जो ढुलाई कागजों पर की उसके लिए वह सही वाहनों के नम्बर तक नहीं दे पाए. शक होने पर कागज़ात की जांच की गई तो हड़कम्प मच गया क्योंकि गया और पूर्वी चम्पारण समेत कई जिलों में तो सैकड़ों कुंतल चावल की ढुलाई तो बाइक और टैम्पो से ही हो गई. कागज़ात पर जिन नम्बरों को ट्रक का नम्बर बताया गया वह बाइक और ऑटो के निकले.

बाइक और ऑटो से चावल की ढुलाई का मंज़र सामने आया तो जांच का दायरा और भी बढ़ाया गया. पता चला कि राईस मिल में कुटाई के लिए जितना धान जमा किया जाना चाहिए था कहीं उसका आधा जमा किया गया और कहीं चौथाई, लेकिन कागजों का पेट भर दिया गया. बेईमान अफसरों ने यह कब सोचा होगा कि कभी जांच होगी और यह बात खुलकर सामने आ जायेगी कि ढुलाई में ट्रक के नाम पर जो बाइक और ऑटो के नम्बर दर्ज कर रहे हैं यही नम्बर उन्हें जेल भिजवाने का ज़रिया बन जायेंगे.

हज़ारों कुंतल चावल बेचकर अपनी तिजोरियां भर लेने वाले सभी अधिकारी राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक के पद पर तैनात रहे हैं. जिन अफसरों को इस मामले में जेल की हवा खानी पड़ेगी उनमें पूर्वी चम्पारण के कमलेश सिंह, अखिलेश्वर प्रसाद वर्मा और भानु प्रताप सिंह, पूर्णिया के अजय ठाकुर, गया के संतोष कुमार झा और कैमूर के अरविन्द कुमार मिश्र का नाम शामिल है. इन अफसरों से पूछताछ होगी तो धान घोटाले में कुछ और नाम भी सामने आयेंगे.

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