जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. उत्तराखंड सरकार ने उन प्रवासियों के लिए योजना तैयार की है जो दो वक्त की रोटी कमाने के लिए अपने घरों को छोड़कर दूसरे सूबों में जाते हैं. कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद प्रवासियों को जो परेशानी और जिल्लत झेलनी पड़ी उसी के मद्देनज़र उत्तराखंड सरकार ने ऐसी योजना तैयार की है जिसमें अब किसी को अपना घर छोड़कर न जाना पड़े.
उत्तराखंड सरकार ने वन विभाग में दस हज़ार युवाओं के लिए वन प्रहरी के पदों पर नियुक्तियां करने का फैसला किया है. जंगलों में चौकीदारी इनका मुख्य काम होगा. गर्मियों के दिनों में इनकी भूमिका फायर वाचर की होगी. वन विभाग इन सेवाओं के लिए इन्हें हर महीने आठ हज़ार रुपये मानदेय देगा. अगले महीने से इन भर्तियों की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
वन विभाग के मुखिया जयराज ने बताया कि वन प्रहरी को वेतन देने के लिए बजट की व्यवस्था कर ली गई है. कैम्पा हेड से वेतन के लिए 210 करोड़ रुपये के बजट का इंतजाम कर लिया गया है. आने वाले सोमवार (12 अक्टूबर) को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी से यह योजना पास कराकर भारत सरकार को भेज दी जायेगी.
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उत्तराखंड में वन विभाग की जो ज़मीन विकास योजनाओं के लिए अधिग्रहीत की जाती है उसका पैसा कैम्पा हेड में जमा होता है. यह पैसा केन्द्र सरकार राज्य की सलाह पर रिलीज़ करती है. कैम्पा फंड में जमा अधिकाँश पैसा यूं ही पड़ा रह जाता है लेकिन अब 10 हज़ार जवानों को इस फंड के ज़रिये रोज़गार उपलब्ध कराया जायेगा.