जुबिली न्यूज ब्यूरो
जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इसके व्यापक प्रभाव से निपटने के लिए एक्शनएड एसोसिएशन और विज्ञान फाउंडेशन के सहयोग से, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ के साथ मिलकर, एक अनूठी पहल के रूप में लखनऊ में एक जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले हाशिये के समुदायों की आवाज को मजबूत करना और उन्हें जलवायु न्याय की वैश्विक चर्चा से जोड़ना है। इसमें तीन राज्यों के लोग शामिल होंग।
जलवायु परिवर्तन के विस्तारित प्रभावों और इसकी चुनौतियों को समझने और सामना करने के लिए दो दिवसीय सम्मेलन कल से लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है जिसमे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान के वैज्ञानिक, पर्यावरणविद्, नीति निर्माता, नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद्, और युवा कार्यकर्ता जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर गहन चर्चा करेंगे और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, खासकर लू और सूखे के प्रभावों पर गहन चर्चा करेंगे और इसके विरुद्ध सामूहिक कार्रवाई के मार्ग तलाशेंगे।
आयोजक संस्था एक्शन एड के खालिद चौधरी ने इस आयोजन के उद्देश्यों के बताते हुए कहा कि सम्मलेन का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय और हाशिये के समुदायों में जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाना, उनकी क्षमताओं को मजबूत करना, और उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाने के साथ आपसे सीख और चिंतन की जगह प्रदान करना है ताकि वे क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, और वैश्विक जलवायु नीतियों से संबंधित मुद्दों को समझें।
इस सम्मलेन में जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली हानि और क्षति तथा मुआवजे की रूपरेखा बनाने के लिए जानकारी और प्रमाण इकट्ठा करने के तरीको पर भी बात की जाएगी , ताकि जलवायु न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
सम्मेलन के दौरान, विभिन्न तकनीकी सत्र और पैनल चर्चाएँ होंगी। इसमें जलवायु परिवर्तन के कारणों, प्रभावों, और इससे निपटने के समाधानों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।