जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। केंद्र में उसे वनवास काटना पड़ रहा है जबकि राज्यों के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी निराशा भरा रहा है।
हाल में पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा है। पंजाब में उसकी सत्ता चली गई जबकि अन्य राज्यों में कांग्रेस कोई चमत्कार नहीं कर सकी। दूसरी ओर बिहार की बात की जाये तो वहां हालात बदले नहीं है।
बिहार में कांग्रेस को लगातार मिल रही हार और चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मदन मोहन झा ने किनारा करते हुए इस्तीफा दे दिया है।
पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं विधायक राजेश राम और विजय शंकर दुबे का नाम अध्यक्ष के तौर पर चल रहा है। एक-दो दिनों में इसका औपचारिक एलान हो जाएगा।
हालांकि उनके इस्तीफे की अटकले पहले से लगायी जा रही थी लेकिन गुरुवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। मदन मोहन झा ने राहुल गांधी से मुलाकात कर सारी चीजों से अवगत कराते हुए अपना पक्ष रखा है।
लगभग चार साल बाद झा से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी वापस लेने का बड़ा कदम उठाया है। पार्टी के कद्दावर नेता और विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद मिश्रा ने मदन मोहन झा के इस्तीफे की बात को स्वीकार किया है और कहा है झा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। ऐसे में कांग्रेस बहुत जल्द बिहार कांग्रेस के नये अध्यक्ष का एलान कर सकती है।
अपने इस्तीफे को लेकर कहा मैं 6 महीने पहले ही आलाकमान को बोल चुका हूं। मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है, किसी नए को अध्यक्ष बनाया जाए। इसमें इस्तीफा की क्या बात है।
कोई नौकरी थोड़े है जो हटाए जाएंगे। मेरा कार्यकाल पूरा हुआ तो किसी न किसी का अध्यक्ष बनना तय है। अब देखना होगा कांग्रेस आखिर कैसे बिहार में फिर मजबूत होती है। बिहार में कांग्रेस काफी कमजोर और ऐसे में नये अध्यक्ष के लिए ये चुनौती होगी वो जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करे।