जुबिली न्यूज डेस्क
लुधियाना में गिरफ्तार PCS अधिकारी नरिंदर सिंह धालीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इस बीच पंजाब में पीसीएस अधिकारी, राजस्व, लिपिक कर्मचारियों की हड़ताल जारी है, जिसके चलते आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आम लोगों ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में पीसीएस अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों द्वारा सामूहिक अवकाश लेना पूरी तरह से अनुचित है.
बता दे कि 2014 बैच के अधिकारी धालीवाल पर लुधियाना जिले को पार करते समय किसी भी उल्लंघन के लिए चालान नहीं जारी करने के बहाने ट्रांसपोर्टरों से हर महीने लाखों रुपये रिश्वत लेने का आरोप है. हालांकि पीसीएस अधिकारी संघ का दावा है कि अधिकारी को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया था.उपायुक्तों, सिविल सचिवालयों, संभागीय आयुक्तों और राजस्व कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है. क्योंकि सभी जिलों में अधिकारियों और लिपिकों ने अपना विरोध अवकाश जारी रखा है.
कड़कड़ाती ठंड में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालयों पर अपना काम करवाने के लिए आए वरिष्ठ नागरिकों सहित आम लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. पीसीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने अपने सहयोगी नरिंदर सिंह धालीवाल, सचिव, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए), लुधियाना की गिरफ्तारी के विरोध में 13 जनवरी तक सामूहिक आकस्मिक अवकाश की घोषणा की है. धालीवाल को भ्रष्टाचार के एक मामले में सतर्कता ब्यूरो द्वारा 6 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. पूरे पंजाब में कम से कम 235 पीसीएस अधिकारी अब सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर हैं. वहीं संघ 14 जनवरी को अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेगा.
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2,200 लिपिक भी हड़ताल पर
पंजाब राज्य जिला (डीसी) कार्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गुरनाम सिंह विर्क ने कहा कि पीसीएस अधिकारियों के समर्थन में पंजाब भर के डीसी कार्यालयों में कम से कम 2,200 लिपिक 9 जनवरी से 13 जनवरी तक सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर हैं. आम लोगों ने कहा कि अगर सरकार और अधिकारियों के बीच कोई मुद्दा है, तो वे क्यों भुगतें? अगर एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है तो पूरे स्टाफ को छुट्टी पर जाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है?
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