जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: देश में वक्फ संशोधन कानून को लेकर सियासत और आंदोलन दोनों अपने चरम पर हैं। एक तरफ बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जनजागरण अभियान चला रही है, तो दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के नेतृत्व में देशभर के मुस्लिम संगठन ‘वक्फ बचाओ अभियान’ के तहत विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में AIMPLB की अगुवाई में देशभर से मुस्लिम संगठन जुटे, जहां कानून को वापस लेने की मांग तेज़ कर दी गई।
‘वक्फ की हिफाजत’ के लिए दिल्ली में सबसे बड़ा जुटान
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ में AIMPLB, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, जमात-ए-इस्लामी हिंद, और जमात ए अहलेहदीस समेत तमाम बड़े मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान सरकार पर वक्फ कानून वापस लेने का दबाव बनाने की रणनीति तय की गई।
देशभर में विरोध प्रदर्शन की योजना
AIMPLB ने इस कानून को इस्लामी शरीयत और संविधान दोनों के खिलाफ बताया है और देशभर में विरोध तेज़ कर दिया है:
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30 अप्रैल को देशभर में ‘ब्लैकआउट’, घरों और ऑफिसों की लाइट आधे घंटे बंद रखे जाएंगे।
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7 मई को दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ा प्रदर्शन।
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हर जुमे की नमाज के बाद मानव श्रृंखला (ह्यूमन चेन) और ज्ञापन सौंपने का अभियान।
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87 दिन तक चलने वाला ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान, जिसमें 1 करोड़ हस्ताक्षर जुटाकर प्रधानमंत्री को सौंपे जाएंगे।
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देश के 50 बड़े शहरों में धरना, प्रेस कॉन्फ्रेंस और धर्मगुरुओं के साथ बैठकें होंगी।
AIMPLB का आरोप: संविधान और धार्मिक आज़ादी पर हमला
AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने वीडियो बयान में आरोप लगाया कि यह कानून धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि:
“सरकार का यह कदम वक्फ संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लेने और शरीयत में दखल का प्रयास है। यह कानून मुस्लिमों की धार्मिक, सामाजिक और कानूनी स्वतंत्रता को खत्म करने वाला है।”
मुस्लिम संगठनों की आपत्तियां:
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गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान।
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जिला अधिकारी को वक्फ संपत्तियों के मूल्यांकन का अधिकार।
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सरकारी हस्तक्षेप के चलते वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता खत्म होने का खतरा।
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हिंदू-सिख संस्थाओं के लिए अलग नियम, मुस्लिम संस्थाओं के लिए अलग – समानता का उल्लंघन।
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बीजेपी का पलटवार: “कानून पारदर्शिता के लिए ज़रूरी”
सरकार का कहना है कि नया वक्फ संशोधन कानून पारदर्शिता, जवाबदेही और वक्फ संपत्तियों की सही निगरानी के लिए लाया गया है। बीजेपी के मुताबिक इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी और संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा।