Wednesday - 30 October 2024 - 5:41 AM

आईसीडीएस में कुछ तो गड़बड़ है …

राजेन्द्र कुमार

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) निदेशालय में आजकल सब कुछ ठीक नही है। इस महकमें में कुछ न कुछ ऐसा होता रहता है, जो सरकार के लिए संकट खड़ा करने वाला होता है। सूबे में सरकार चाहे मुलायम सिंह यादव की रही हो या फिर मायावती और अखिलेश यादव की, इस महकमें के कारनामें सरकार की इमेज को चोट पहुंचाने वाले ही साबित हुए।

अब योगी सरकार के लिए भी इस महकमें के अफसरों ने समस्या खड़ी की है। वह भी लॉकडाउन के दौरान, जब सरकार लोगों को कोरोना वायरस से बचाने में जूझ रही थी। इसी बीच यह पता चला कि उक्त महकमें चंद अफसरों ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार की आपूर्ति करने वाली कंपनी को पैकेट पर बारकोडिंग न करने पर भी दंडित नही किया।

ये भी पढ़े: चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की सेना को मिली पूरी आजादी

ये भी पढ़े: यूपी पुलिस ने पैदल जा रहे आठ हज़ार लोगों का कर दिया चालान

हालांकि 25 अप्रैल 2018 को 14 कंपनियों के साथ यह करार हुआ था कि दो साल तक हर कंपनी एक किलो पोषाहार के पैकेट पर बारकोडिंग कर उसे आंगनवाड़ी केंद्रों को देगी। लेकिन दो साल तक बिना बारकोडिंग के ही पोषाहार लिया जाता रहा।

इसका खुलासा बीजेपी के एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने किया और उन्होंने इस मामले में जांच कराने की मांग कर दी। तो सरकार हरकत में आयी और आनन-फानन में तत्कालीन प्रमुख सचिव वीना कुमारी मीना ने इस मामले ने जिला कार्यक्रम अधिकारी कल्पना पाण्डेय सहित कई अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निदेशक शत्रुघ्न सिंह को निर्देश दिया।

ये भी पढ़े: कोरोना महामारी के बीच बड़ा खेल करने में जुटी हैं स्वास्थ्य बीमा कंपनी

ये भी पढ़े: डंके की चोट पर : सरेंडर पर राजनीति नहीं मंथन करें हम

और कहा कि विभाग के वित्त नियंत्रक तथा निदेशक सरकार को यह बताएं कि पूरे प्रकरण से सरकार को कितना नुकसान हुआ। वीना कुमारी मीना के इस एक्शन के बाद अचानक इस इस मामले में कई फैसले हुए। जिला कार्यक्रम अधिकारी कल्पना पाण्डेय को निलंबित कर दिया गया और आईसीडीएस निदेशक शत्रुघ्न सिंह को हटा दिया गया।

विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी मीना का भी तबादला कर दिया गया और पोषाहार की टेंडर तथा आपूर्ति में हुई गडबडी आदि की खुली सतर्कता जांच कराने के आदेश दे दिए गए। इसी बीच ईडी ने भी इस मामले की जांच करने में रुचि दिखाई।

एक साथ इतने एक्शन हुए तो नौकरशाही में हलचल हुई। पता लगा कि पोषाहार आपूर्ति के प्रकरण में कदम-कदम पर धांधली हुई है। सुप्रीम कोर्ट तक से तथ्य छिपाए गए हैं। यही नही मुख्यमंत्री की टीम-11 के एक सीनियर अफसर ने भी इस मामले में जो सलाह दी थी, उसकी अनदेखी हुई। और अब खुली सर्तकता जांच होने पर सबसे पूछताछ होगी।

फ़िलहाल अब इस मामले को लेकर लोकभवन में भयंकर खुसफुसाहत हो रही है। कोई इस मामले की खुली सर्तकता जाँच का आदेश दिए जाने पर सवाल उठा रहा है? तो कोई यह खोजने में लगा है कि टीम-11 का वह सीनियर अफसर कौन है, जिसने इस मामले में गडबडी रोकने के लिए सुझाव दिए थे? तो कुछ अफसर यह पता लगाने में जुटे हैं, कि ईडी के अफसर इस मामले में क्या कर रहें है?

अब देखना यह है कि किसके हाथ में क्या जानकारी आती है, क्योंकि अब या सबको पता चल गया है कि आईसीडीएस में सब ठीक नही है। और यहाँ बहुत कुछ ऐसा हुआ है, जिस पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं , यह उनका गपशप कालम है)

ये भी पढ़े: करते हैं Google pay का इस्तेमाल, तो जान लें ये जरुरी बात

ये भी पढ़े: बॉलीवुड सितारों ने इस तरह किया योग देखिये वीडियो

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com