जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा एक बार फिर पुरानी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। पिछले साल विधान सभा चुनाव में मिली हार के बावजूद समाजवादी पार्टी हार नहीं मानी है। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए उसने अपनी पार्टी को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
हालांकि इस बार सपा पहले से बेहतर लग रही है क्योंकि मुलायम के जाने के बाद उनका बिखरा हुआ कुनबा एक हो गया है। हालांकि पार्टी के कुछ नेता अपने बयानों की वजह से सपा को मुश्किल में डालने का काम जरूर कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार अपने बयानों की वजह से सपा को मुश्किल में डालते रहते हैं।
अगर देखा जाये तो हाल के दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य की जुब़ान जब भी खुलती है तो विवादित बयान के लिए। उनका एक और ताजा बयान सुर्खियों में आ गया है और विवादित बयानों की लिस्ट में उनका एक और बयान लिस्ट में जुड़ गया है।
लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा- ‘हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है। हिंदू धर्म सिर्फ धोखा है। ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहना एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता।
सारी विषमता का कारण ब्राह्मणवाद है। यह दलितों और आदिवासियों को मकड़जाल में फंसाने की कोशिश है।’ मौर्य ने कहा-‘ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं। हिंदू धर्म होता तो इस समाज में पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है कि आदिवासी समाज से आने वाले राष्ट्रपति को मंदिर में जाने से रोक दिया जाता है।’
रायबरेली
➡️सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान
➡️बाबा बागेश्वर के हिन्दू राष्ट्र वाले बयान पर बोले
➡️भारत कभी हिन्दू राष्ट्र था ही नहीं-स्वामी प्रसाद
➡️ये लोग देश को बांटने का काम कर रहे है-स्वामी
➡️मैं सनातन धर्म पर यकीन करता हूं-स्वामी प्रसाद
➡️सनातन धर्म और… pic.twitter.com/LcRi7VWbDP
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) August 25, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस चार मिनट के इस वीडियो में मौर्य हिंदू धर्म के अस्तित्व पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं। सपा एमएलसी ने कहा -‘द्रोपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति होने के बाद भी रोक दिया जाता है क्योंकि वो आदिवासी समाज से आती हैं। अगर आदिवासी समाज हिंदू होता तो क्या उनके साथ ऐसा बर्ताव हो सकता था।
ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में… pic.twitter.com/351EJeSBlY
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) August 27, 2023
ब्राह्मणी देवता के चतुर चालाक लोग आज भी हमको आदिवासी मानते हैं। इस तरह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी हो चुका है। जिसे आप हिंदू धर्म कहकर उसके दीवाने और पागल होकर अपना सबकुछ लुटा देते हो, हिंदू-मुस्लिम के नाम पर दंगा करा देते हो, खून बहा देते हो, यह तुम्हारी नदानी है।’
अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को इससे पहले रामचरितमानस के खिलाफ बयान देने के बाद विवादों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य पर इसी साल की फरवरी में भी काली स्याही फेंकी गई थी।