जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के एक गांव में पिछले पांच साल से बिजली नहीं आ रही है लेकिन बिजली विभाग बिल भेज रहा है। ग्रामीण पांच साल से महज एक ट्रांसफार्मर के लिए जद्दोजेहद कर रहे है।
यूपी के सीतापुर जिला मुख्यालय से सटे अहमदनगर गांव 5 साल से अंधेरे में डूबा है। गांव वाले बिजली सप्लाई के लिए न जाने कितनी बार उच्चाधिकारियों के पास चक्कर लगा चुके हैं, पर अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
इस भीषण गर्मी में बिजली न होने की वजह से ग्रामीण बहुत परेशान है। इस बार तो मार्च से ही रिकार्ड गर्मी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि बिजली न होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई चौपट हो गई है। मोबाइल चार्ज करने के लिए शहर जाना पड़ता है।
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हालत यह हो गई है कि कई परिवार गांव छोड़कर किराए के मकान में शहर में रहने लगे। ग्राम प्रधान एक साल से अफसरों की चौखट पर चक्कर लगा रही हैं, मगर सुनवाई नहीं हो रही है।
वहीं गांव के 60 फीसदी लोगों ने कनेक्शन कटवा लिए। कई लोगों का तो 40 हजार तक बिल आ गया है। जमील का बिल 40 हजार आया है।
शहाबुददीन का पांच हजार बिल आया है तो ग्राम प्रधान सन्नो का 15 हजार के आसपास आया है। गांव के ही बशरुद्दीन का बिल चार हजार रुपए आया है। अमीन का तीन हजार रुपए बिल आया है। इसका ब्योरा ग्राम प्रधान सन्नो ने सम्पूर्ण समाधान दिवस पर डीएम को दिया है।
अधिशासी अधिकारी को नहीं है जानकारी
अहमदनगर गांव हसनपुर बिजली उपकेन्द्र से जुड़ा है। इतनी शिकायतों के बाद अधिशासी अधिकारी द्वितीय विद्युत यह भी पता नहीं कर पाए कि गांव किस बिजली केन्द्र से जुड़ा है।
अधिशासी अभियंता द्वितीय सुधीर कुमार भारती ने बताया कि अहमदनगर गांव में दूसरे गांव से बिजली आती है। गांव पूरी तरह अंधेरा नहीं है। ट्रांसफार्मर का इश्यू हो सकता है। मुझे शिकायत नहीं मिली है फिर भी अगर सम्पूर्ण समाधान दिवस पर शिकायत की गई तो इस सम्बंध में कार्रवाई होगी।
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वहीं ग्राम प्रधान ने कहा कि प्रधान निर्वाचित होने में लगभग एक वर्ष हो गए। एक दर्जन से अधिक शिकायतें उच्चाधिकारियों से की गई हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। कोई कोशिश कामयाब नहीं हो रही है। पूरा गांव परेशानी में जीने को मजबूर है।-