जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। पूरे देश में आज हर जगह मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के पर्व पर श्रद्धालुओं का सैलाब संगम में उमड़ पड़ा है। इस मौके पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी पर अलग ही छटा देखने को मिल रही है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का खास महत्त्व है। मकर संक्रांति के त्योहार के दिन श्रद्धालु मंदिरों, गंगा में डुबकी लगाने पहुंच रहे है।
गौरतलब है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसी को संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्राति के पर्व को उत्तरायण भी कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने की प्रतिपदा तिथि 14 जनवरी दिन मंगलवार को सुबह 3 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी और 15 जनवरी दिन बुधवार को सुबह 3 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी।
14 जनवरी को सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर प्रवेश करेंगे. तभी शाही स्नान के लिए पुण्य काल शुरू होगा।
कैसे मनाए मकर संक्रांति?
सुबह जल्दी स्नान करके सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ या गीता का पाठ करें। साथ ही नए अन्न, वस्त्र, तिल, खिचड़ी और घी का दान करें। पहले भोजन का भगवान को भोग लगाए उसके बाद प्रसाद रूप से ग्रहण करें।
मकर संक्रांति पर ऐसे करें पूजा
- मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें
- सूर्य देव को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करें
- सूर्य देव के विभिन्न मंत्रों का जाप करें और उनकी स्तुति करें
- सूर्य देव को भोग लगाएं. आप उन्हें फल, मिठाई, या अन्य भोग लगा सकते हैं
- अंत में सूर्य देव की आरती करें
- इस दिन गरीबों को दान दें
- तिल का दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है