जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पंजाब में आखिरकार नवजोत सिंह सिद्धू की बतौर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ताजपोशी हो गई। हालांकि बीते कई दिनों से वहां पर उठापटक भी खूब देखने को मिली।
कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही सियासी अदावत अभी खत्म हो गई ये कहना अभी जल्दीबाजी होगी। फिलहाल दोनों के बीच चल रहे सियासी जंग पर विराम जरूर लग गया है।
हालांकि आलाकमान नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर अपनी सोच बदली जिसका नतीजा यह रहा कि तमाम विरोध के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान सौंप दी गई है।
नवजोत सिंह सिद्धू के बाद कहा जा रहा है कि राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान को भी बहुत जल्द सुलझाया जा सकता है।
दरअसल पंजाब की तरफ राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लम्बे समय से रार देखने को मिल रही है। पंजाब के मसले में समय जरूर लगा लेकिन आखिरकार कांग्रेस आलाकमान के दखल के बाद मामले को अब किसी तरह से खत्म किया गया लेकिन अब बड़ा सवाल क्या राजस्थान का विवाद भी खत्म हो सकता है।
पंजाब का मसला सुलझने के बाद राजस्थान के प्रभारी अजय माकन द्वारा एक ट्वीट को किए गए रिट्वीट और इसके बाद वहां पर सियासी सरगर्मी एकाएक बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : फूलन देवी के बहाने से…
यह भी पढ़ें : …जब बारात लेकर दूल्हा के घर पहुंची दुल्हन
माकन ने ट्वीट को रिट्वीट किया है उसमें लिखा है कि किसी भी राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीतता है। गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है।
मगर चाहे वह अमरिन्द्र सिंह हो या गहलोत या पहले शीला या कोई और! इसके बाद राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस ट्वीट्स के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें : …तो पेगासस के जरिए हुई इन पत्रकारों की जासूसी!
यह भी पढ़ें : IND vs SL ODI : भारत की जीत के ये रहे हीरो
कहा जा रहा है कि बहुत जल्द राजस्थान का मामला भी सुलझा लिया जायेगा। यह एक बात यह भी जरूरी है कि अजय माकन सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के तौर पर राजस्थान के प्रभारी हैं। ठीक उसी तरह से जिस पंजाब के प्रभारी के तौर हरीश रावत है। हरीश रावत ने पंजाब का मामला सुलझाने में अहम भूमिका निभायी है।
बता दें कि राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच काफी समय से रार देखने को मिल रही है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं लेकिन अब उम्मीद की जा रहा है कि जिस तरह से पंजाब का मामला सुलझा है वैसे ही अब राजस्थान की बारी है।