सैय्यद मोहम्मद अब्बास
तेजस्वी यादव बिहार के चुनावी दंगल में ताल ठोंक रहे हैं। आलम तो यह है कि जो चुनाव एक तरफा नीतीश कुमार की तरफ जा रहा था अब वो पूरी तरह से बदलता नजर आ रहा है।
तेजस्वी यादव की रैलियों में जुटती भीड़ नीतीश कुमार को ही नहीं बल्कि पूरे एनडीए को टेंशन में ला दिया है। इसका नतीजा यह रहा कि बीजेपी को भी नीतीश कुमार भरोसा न होकर पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लडऩा पड़ रहा है।
बात अगर तेजस्वी यादव की जाये तो राजनीति में लगातार लोकप्रिय हो रहे हैं। तेजस्वी यादव भले ही राजनीति में नये हो लेकिन क्रिकेट के मैदान में वो नये नहीं रहे हैं।
बहुत कम लोगों को मालूम है राजनीति के मैदान में जो शख्स रातों-रात नीतीश कुमार की नींद उड़ा रहा वो कभी क्रिकेट के मैदान में विराट कोहली का कप्तान हुआ करता था।
मैदान पर एक दौर था जब तेजस्वी यादव विराट कोहली का बल्लेबाजी क्रम तय करते थे। हालांकि दोनों ने एक साथ क्रिकेट शुरू की लेकिन अब दोनों की राहे अलग-अलग हो चुकी है।
विराट क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी के रूप में खुद को स्थापित कर चुके हैं। इतना ही नहीं विराट कोहली का डंका पूरे विश्व क्रिकेट में बजता है।
दूसरी ओर तेजस्वी यादव बिहार की सियासत के उभरते हुए सितारों में से एक है। तेजस्वी यादव राजनीति में हिट होते हुए नजर आ रहे हैं।
दरअसल उन्होंने नीतीश कुमार जैसे अनुभवी राजनीतिज्ञ को बिहार चुनाव में कड़ी टक्कर देकर सबकों चौंका डाला है। नीतीश कुमार इस बात एहसास नहीं था कि तेजस्वी उनके लिए इतना बड़ा खतरा साबित हो जा रहे हैं।
तेजस्वी यादव बिहार की राजनीतिक में सक्रिय है लेकिन क्रिकेट के मैदान में उनका दबदबा रहा है। स्कूली स्तर से तेजस्वी यादव क्रिकेट में अपनी अमिट छाप छोड़ते नजर आए थे।
ऐसे हुई थी तेजस्वी की क्रिकेट में एंट्री
बात उन दिनों की है जब बिहार क्रिकेट में लालू यादव का दबदबा हुआ करता था और वो बिहार क्रिकेट के अध्यक्ष हुआ करते थे।
तब लालू को एहसास हुआ कि उनका बेटा क्रिकेट में अपना करियर बना सकता है। तब 2002 में क्रिकेट का कैंप बिहार में लगाया था और उस ट्रायल में तेजस्वी यादव भी आए थे और चुन लिए गए थे।
स्कूली स्तर पर भी तेजस्वी यादव को क्रिकेट की अच्छी समझ थी। शुरुआत में उन्होंने क्रिकेट का ज्ञान बिहार में जरूर लिया लेकिन बाद में उनको दिल्ली में बड़े स्तर पर क्रिकेट सीखने का मौका मिला।
62 गेंद पर 100 रनों की तूफानी पारी खेलकर सबको चौंका डाला
दिल्ली जैसे शहर में क्रिकेट सीखना बड़ी बात थी और उन्हें बहुत जल्द इसका फायदा भी मिलने लगा। तेजस्वी ने दिल्ली अंडर-19 में भी खेला और 62 गेंद पर 100 रनों की तूफानी पारी खेलकर सबको चौंका डाला।
बहुत कम लोगों को पता है कि विराट कोहली और तेजस्वी यादव एक साथ क्रिकेट खेलते नजर आते थे।
तेजस्वी यादव अंडर-15, अंडर-17 की दिल्ली टीम की कप्तान हुआ करते थे और विराट कोहली भी उस टीम में खेलते थे। इतना ही नहीं उनकी कप्तानी दिल्ली ने 35 साल बाद एक ट्रॉफी जीती थी।
इसके आलावा तेजस्वी यादव आईपीएल में दिल्ली की टीम का हिस्सा रह चुके हैं। अगर कहा जाये तो तेजस्वी यादव का पहला प्यार क्रिकेट हो तो गलत नहीं है।
आईपीएल : तेजस्वी दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में थे
आईपीएल के शुरुआती चार सीजन में तेजस्वी दिल्ली की टीम में शामिल थे लेकिन उनको खेलने का मौका नहीं मिल सका। तेजस्वी यादव गेंदबाजी में स्विंग कराने में माहिर थे और मध्यक्रम के शानदार बल्लेबाज भी थे।
हालांकि भगवान को शायद उन्हें क्रिकेटर के तौर पर देखना नहीं चाहता है, इसलिए लालू की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बनाया है। अब देखना होगा कि क्या तेजस्वी यादव राजनीति के मैदान में वो कामयाबी हासिल कर पाते हैं जो सफलता विराट कोहली ने क्रिकेट के मैदान पाई है।
बिहार में क्रिकेट को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने जुबिली पोस्ट को बताया कि तेजस्वी यादव राजनीति में आने से पहले क्रिकेटर थे।
अगर तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनते हैं तो उनसे बिहार क्रिकेट की भलाई की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बिहार में 38 जिले हैं लेकिन यहां पर कोई अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट मैदान नहीं है लेकिन उम्मीद है जल्द इसके बारे में सरकार सोचेंगी।
उन्होंने कहा कि चुनावी भाषण तेजस्वी जो भी कहे लेकिन इस समय बिहार क्रिकेट को बचाने के लिए सबको एक जुट होना पड़ेगा। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि तेजस्वी अगर सत्ता में आते हैं तो बिहार क्रिकेट के बारे में सोचेगे और उनका हक दिलायेगे।