जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की टीम रणजी के रण में एक बार फिर सुपर फ्लॉप साबित हुई। कोच सुनील जोशी ने भले ही सीजन शुरू होने से पहले टीम के अच्छे प्रदर्शन का भरोसा दिलाया हो लेकिन मौजूदा रणजी सीजन में यूपी पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुई।
यूपी की हालत का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि सूबे की टीम अब सिर्फ बिहार से ऊपर है। यानी अंक तालिका में यूपी सबसे नीचे है लेकिन वो सिर्फ बिहार की रणजी टीम से ऊपर है। ग्रुप सी की अंक तालिका पर नजर दौड़ाई जाए तो पांच मैच खेले हैं और उसके खाते में सिर्फ छह अंक है। चार ड्रॉ मुकाबले के साथ-साथ केरल से एक करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है।
इकाना स्टेडियम पर खेले गए मुकाबले में कर्नाटक के खिलाफ यूपी की टीम ने दूसरी पारी में माधव कौशिक और धु्रव जुयाल के सहारे अपनी हार को टालने में जरूर कामयाब हो गया।
पहली पारी में 89 रन के स्कोर पर ढेर होने वाली यूपी की टीम पर पारी की हार का खतरा मंडरा रहा था लेकिन दूसरी पारी में 446 रन बनाकर कुछ हद तक कर्नाटक को दबाव में जरूर डाला लेकिन आखिरी दिन जब कर्नाटक की टीम को 261 रनों की जरूर थी लेकिन यूपी के गेंदबाज कर्नाटक के विकेट चटकाने में नाकाम रहे और आखिरी दिन कर्नाटक की टीम ने पांच विकेट पर 178 रन बनाकर यूपी को जीत से रोक दिया। इस तरह से यूपी को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी और अब वो रणजी की होड़ से बाहर हो गया।
भुवनेश्वर कुमार और कुलदीप यादव जैसे अनुभवी खिलाडिय़ों के न होने से यूपी की टीम को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं बल्लेबाजों ने भी टुकडिय़ों में प्रदर्शन किया है। इस वजह यूपी को परेशानी उठानी पड़ी है।
कोच सुनील जोशी के होने से यूपी टीम को कोई खास फायदा नहीं हुआ। बाहरी कोच से भी कोई अच्छे परिणाम नहीं आ रहे हैं जबकि इससे पहले यूपी के कोच रह चुके ज्ञानेंद्र पांडेय ने इससे बेहतर परिणाम दिए थे।