जुबिली न्यूज डेस्क
अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव है। जहां रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में दोबारा आने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं तो वहीं ट्रंप के प्रतिद्वंदी डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन उन्हें सत्ता से बेदखल करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
फिलहाल आज (मंगलवार) अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ट्रंप और जो बिडेन के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट होनी है। क्लीवलैंड में 90 मिनट तक चलने वाले इस बहस में दोनों नेता कई मुद्दों पर बात करेंगे।
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ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि इस दौरान, आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चलेगा। फिलहाल जानते हैं कि इस बहस के केंद्र में कौन से मुद्दे रहेंगे।
टैक्स न भरने के आरोप पर ट्रंप को देना पड़ सकता है जवाब
आज की बहस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यूयॉर्क के उस खुलासे पर जवाब देना पड़ सकता है, जिसमें उन पर टैक्स न भरने का आरोप लगाया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले 15 सालों में से ट्रंप ने 10 साल फेडरल टैक्स नहीं दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने 2016 और 2017 में केवल 750 डॉलर टैक्स दिया था।
हालांकि, ये बात अलग है कि डोनाल्ड ट्रंप ने इस खुलासे को ‘फर्जी खबरÓ करार दिया है, लेकिन जो बिडेन इस मुद्दे पर उनसे तीखे सवाल कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति का मुद्दा उठेगा
बिडेन चुनाव को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर भी उन्हें घेरने का प्रयास करेंगे। ट्रंप ने मेलवोटिंग में धांधली की आशंका जताते हुए कहा था कि चुनाव दोबारा कराने होंगे।
‘क्या शिकस्त मिलने पर वह चुनाव परिणामों को स्वीकार करेंगे’? के सवाल पर राष्ट्रपति ट्रंप ने अजीब बयान दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश एमी कोनी बैरेट की नियुक्ति के मुद्दे पर भी ट्रंप और बिडेन में बहस होना तय है, क्योंकि विपक्ष सरकार के इस फैसले का विरोध करता रहा है।
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कोरोना महामारी पर होंगे तीखे सवाल
ट्रंप के प्रतिद्वंदी जो बिडेन के लिए यह डिबेट एक तरह से खुद को जनता के सामने रखने का सुनहरा मौका है। कोरोना महामारी के चलते जनता से उनका संवाद सीमित रहा है।
बिडेन की पूरी कोशिश होगी कि ट्रंप से ऐसे तल्ख सवाल पूछे जाएं, जो उन्हें असहज कर दें। इसके लिए उन्होंने काफी तैयारी भी की है।
जो बिडेन के पास सबसे बड़ा हथियार कोरोना महामारी को लेकर ट्रंप सरकार का लचर रवैया है। कोरोना से लड़ाई में कमजोरी के लिए ट्रंप विपक्ष, वैज्ञानिकों से लेकर लगभग सभी को दोषी ठहरा चुके हैं।
ऐसे में बिडेन को जनता को यह अहसास दिलाना होगा कि राष्ट्रपति होने के नाते हर काम के लिए ट्रंप ही जिम्मेदार हैं।
सुस्त अर्थव्यवस्था पर भी होगी बात
ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि प्रेसिडेंशियल डिबेट में अर्थव्यवस्था का मुद्दा भी उठेगा। अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल के लिए ट्रंप कोरोना को कुसूरवार ठहरा रहे हैं।
ऐसे में बिडेन की कोशिश यह बताने की होगी कि कोरोना से पहले भी अर्थव्यवस्था बहुत अच्छे दौर में नहीं थी, जो कुछ हद तक सही भी है।
कोरोना महामारी ने दुनिया भर के देशों को आर्थिक रूप से भी प्रभावित किया है और ट्रंप इसे अपने बचाव के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
बिडेन पर होगी ट्रंप की नजरें
वहीं इस बहस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ‘ड्रग’ के मुद्दे पर जो बिडेन को असहज करके की कोशिश करेंगे। वह यह दर्शाने का प्रयास करेंगे कि उनके आरोपों में दम है।
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि पहली डिबेट से पहले या बाद में बिडेन को ड्रग टेस्ट कराना चाहिए। ताकि बहुत सी चीजें साफ हो सके।
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इससे पहले भी ट्रंप 77 वर्षीय बिडेन के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाते रहे हैं। कुछ सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई है कि ट्रंप के ये सवाल वोटरों को भी प्रभावित कर रहे हैं।
ट्रंप और उनकी टीम का फोकस इस बात पर होगा कि डिबेट के दौरान बिडेन कोई गलती करें और उसे फिर उनके मानसिक स्वास्थ्य से जोड़कर प्रचारित किया जाए।