जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर महागठबंधन द्वारा मंथन जारी है। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, लेफ्ट के सीताराम येचुरी, डी राजा समेत कई नेताओं से तेजस्वी की दिल्ली में मुलाकात हुई है। तेजस्वी ने सभी नेताओं को भरोसा दिया है कि महागठबंधन सरकार में सबको सम्मानजनक प्रतिनिधित्व मिलेगा।
उधर बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की महागठबंधन सरकार में किस पार्टी से कितने नेता मंत्री बनेंगे, यह लगभग तय हो चुका है। मंगलवार, 16 अगस्त, को नीतीश कैबिनेट का विस्तार होगा।
आरजेडी कोटे से बनने वाले मंत्रियों की लिस्ट पूरी तरह से फाइनल हो चुकी है लेकिन जरूरी बात ये हैं कि इसमें उन्हीं चेहरों की जगह दी गई जो तेजस्वी यादव के मनमुताबिक है। दरअसल आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी यही चाहते हैं कि तेजस्वी अपनी पसंद से मंत्री चुनें, जिनके साथ वो सरकार और पार्टी चलाना चाहते हैं।
आरजेडी ये बन सकते हैं मंत्री
- तेजप्रताप यादव
- आलोक मेहता
- कुमार सर्वजीत
- समीर महासेठ
- अनिता देवी
- ललित यादव
- ऋषि कुमार
- सुरेन्द्र यादव
- चन्द्रशेखर
- कार्तिक कुमार
- सुधाकर सिंह
- शमीम अहमद
- रणविजय साहू
- अख्तरुल इस्लाम शाहीन
- आलोक मेहता स्पीकर भी हो सकते हैं
रविवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी कोर टीम के साथ भावी सरकार के स्वरूप को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें साबित करना है कि यह जनता की सरकार है।
जनता के विश्वास पर हमें खड़ा भी उतरना है। उन्होंने परसेप्शन के स्तर पर भी काम करने की जरुरत बतायी। तेजस्वी ने कहा कि विकास और कल्याणकारी कार्यों को लेकर किसी स्तर पर कोई समझौता नहीं होगा। वंचितों-शोषितों और पीडि़तों की पूरी सहभागिता महागठबंधन सरकार में होगी।
बता दे कि बिहार में सियासी हलचल अब भी तेज है। नीतीश कुमार ने जिस तरह से बीजेपी को झटका दिया है वो शायाद खुद बीजेपी ने भी नहीं सोचा था कि उनके साथ ऐसा हो जायेगा। सत्ता बदलना कोई नई बात नहीं है लेकिन सत्ता बदलने में जोड़-तोड़ का खेल अक्सर देखा जाता है।
नम्बर की गेम की चिंता की जाती है लेकिन बिहार में नीतीश कुमार को न तो जोड़-तोड़ की जरूरत और न ही नम्बर की गेम की चिंता हुई क्योंकि महागठबंधन के साथ मिलकर उन्होंने नई सरकार बना डाली और एनडीए देखता ही रह गया।
इतना ही नहीं नीतीश कुमार की नई सरकार पिछली सरकार से काफी मजबूत है क्योंकि उनके पास 160 से ज्यादा लोगों को समर्थन हासिल है। ऐसे में इस नई सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है।