मदुरै। अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव टीटीवी दिनाकरन ने बुधवार को कहा कि पार्टी से निष्कासित नेता वी के शशिकला बेंगलुरु से सात फरवरी को तमिलनाडु लौटेंगी और पार्टी में वापस शामिल होने की अपनी लड़ाई को जाेर देंगी।
दिनाकरन ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सुश्री शशिकला के वापस तमिलनाडु आगमन के दौरान कनार्टक सीमा से चेन्नई तक उनके स्वागत के लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेंगे और लोग उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,“ सुश्री शशिकला राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में वापस सरकार बनाने में बड़ा किरदार निभाएंगी और उनके नेतृत्व में हम वापस तमिलनाडु में सरकार बना कर लौटेंगे।
दिनाकरन ने सुश्री शशिकला के विधानसभा चुनावों में लड़ने को लेकर कहा कि अभी तक ऐसी कोई स्थिति नहीं है जिससे वह चुनाव न लड़ सकें लेकिन कुछ क़ानूनी पेंच है जिस पर हम काम कर रहे हैं।
पार्टी महासचिव ने सुश्री शशिकला के वापस महासचिव पद पर आने को लेकर कहा कि वह खुद ही पार्टी की सचिव परिषद की बैठक को बुलाने पर निर्णय लेंगी और उनके पास सभी राजनीतिक निर्णय लेने का अधिकार है।
पार्टी नेताओं ने हालांकि खुद ही पार्टी से महासचिव का पद हटा दिया है, इसलिए सुश्री शशिकला अपने पद को वापस पाने की अपनी लड़ाई जारी रखेंगी।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता द्रमुक को वापस सरकार में नहीं देखना चाहती और हम भी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।
द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन का वापस सत्ता में आने का सपना सच नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि पांच दिसंबर 2016 को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी महासचिव जयललिता के निधन के बाद सुश्री शशिकला पार्टी की जिम्मेदारी संभाली थी और अन्नाद्रमुक महासचिव समिति ने सर्वसम्मति से 29 दिसंबर 2016 को सुश्री शशिकला को पार्टी के महासचिव के रूप में नियुक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।
उच्चतम न्यायालय ने 14 फरवरी, 2017 को हालांकि बेनाम संपत्ति मामले में शशिकला को दोषी ठहरा दिया था जिसके बाद उन्होंने कुछ ही घंटों बाद पार्टी नेता ई के.पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में चुना और 19 वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
उन्हें हालांकि को 12 सितंबर, 2017 को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था। सुश्री शशिकला बेनामी संपत्ति मामले में अपनी चार साल की सजा पूरी करने के बाद 27 जनवरी को बेंगलुरु की परप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल से रिहा हो गई हैं।