जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ गई लेकिन तीसरी लहर का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है। हालांकि कोरोना के मामले कम होते नजर आ रहे हैं। ऐसे में कई राज्यों ने अब लॉकडाउन हटा दिया है।
इस वजह से लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौटती नजर आ रही है। उधर जानकारी मिल रही है कि कई राज्यों फिर से स्कूल खोलने की तैयारी में है।
इसको लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। उधर स्कूल खोलने को लेकर आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव का बड़ा बयान सामने आ रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के डॉ. भार्गव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शुरुआत में प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं क्योंकि छोटे बच्चों में एडल्ट की तुलना में संक्रमण होने का खतरा कम है।
इस दौरान कई अन्य देशों का जिक्र किया और कहा कि कई देशों ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भी प्राइमरी स्कूल को खोल रखा था। उन्हें वहां पर बंद नहीं किया गया था।
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इस वजह से शुरुआत में प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं और इसके बाद सेकंडरी स्कूल के बारे में सोचा जा सकता यानी खेले जा सकते हैं।
डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने क्या कहा
डॉ. भार्गव ने बताया, एडल्ट्स की तुलना में छोटे बच्चे वायरस को बहुत आसानी से हैंडल कर लेते हैं. छोटे बच्चों के लंग्स में ACE रिसेप्टर्स कम होते हैं, जहां वायरस अटैक करता है।
क्योंकि बच्चों में ACE रिसेप्टर्स कम होते हैं, इसलिए उनमें इन्फेक्शन (Infection) का खतरा कम देखा गया है। मगर दूसरी बात ये भी देखी गई है कि 6 से 9 उम्र के बच्चों में 57.2% एंटीबॉडी देखी गई है, जो एडल्ट के लगभग बराबर है।