जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां गौतम बुद्ध, महावीर, चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट, गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, बाबा नागार्जुन, रामधारी सिंह दिनकर, राजेंद्र प्रसाद और कर्पूरी ठाकुर जैसी महान हस्तियों ने जन्म लिया। लेकिन यह सब अतीत की बातें हो चुकी हैं, और बिहार का वर्तमान कुछ और ही तस्वीर पेश कर रहा है।
लालू राज के बाद नीतीश राज में भी कुछ खास बदलाव नहीं दिखा। बिहार अब बाढ़ की मार, गरीबी, टूटी सड़कों, बेरोजगारी, शिक्षा की बदहाली, दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए पहचाना जाता है।
नीतीश कुमार सुशासन का ढोल पीटते हैं, लेकिन सियासी फायदे के लिए उनकी चाल कब बदल जाए, कोई नहीं जानता। यही वजह है कि उनकी छवि अब ‘पलटूराम’ की बन चुकी है।
नीतीश अक्सर दावा करते हैं कि लालू राज के दौर के बिहार और वर्तमान बिहार में जमीन-आसमान का फर्क है। जेडीयू और बीजेपी यह कहती रही हैं कि लालू यादव के शासन में अपराध चरम पर था, लोग घरों से बाहर निकलने में डरते थे, लेकिन अब बिहार सुरक्षित है और कानून का राज है।
हालांकि, हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। बिहार में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, और अब तो खाकी वर्दी भी सुरक्षित नहीं। बीते दो दिनों में दो सहायक पुलिस निरीक्षकों की हत्या कर दी गई, और नीतीश सरकार चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही। कल तक नीतीश कुमार लालू यादव के कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते थे, लेकिन अब उन्हीं के राज में अपराधी खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।
नीतीश के अनुसार बिहार में कानून का राज है, लेकिन अपराधी सरेआम कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं, और सुशासन बाबू सिर्फ कार्रवाई करने की बात कहते हैं। शोक-संवेदना का सियासी प्रोटोकॉल जारी है, और इसके साथ-साथ एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल भी पूरी रफ्तार से चल रहा है।
बिहार पुलिस का एक ASI दो पक्षों का झगड़ा सुलझाने जाता है, वहां उस पर धारदार हथियार से हमला हो जाता है, हमले में ASI गंभीर रूप से जख्मी होकर दम तोड़ देते हैं। इससे पहले अररिया में भी यही हुआ जहां पर ASI पुलिस टीम के साथ एक अपराधी को पकड़ने पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने हमलाकर दिया और मार डाला था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ASI संतोष कुमार दो पक्षों के बीच हुए विवाद को सुलझाने पहुंचे थे, लेकिन एक पक्ष के लोगों ने उन पर अचानक हमला कर दिया। हमलावरों ने रॉड से ताबड़तोड़ वार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद, उन्हें मौके से करीब 40 मीटर तक घसीटकर एक घर के दरवाजे पर फेंक दिया गया, और हमलावर फरार हो गए।