जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना का तांडव जारी है। स्थिति भयावह हो गई है। हर दिन कोरोना संक्रमण से हो रही रिकॉर्ड मौतों के बीच सरकार लगातार जीवनरक्षक दवाओं और ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में जुटी है।
वहीं दूसरी ओर सरकारी विभाग कोरोना वायरस के इलाज की तकनीक खोजने में भी जुटे हैं। इसी कड़ी में भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मरीजों पर गायत्री मंत्र के जाप का क्लिनिकल ट्रायल कर रहा है।
बताया गया है कि केंद्र सरकार ऋ षिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) के साथ मिलकर हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए गायत्री मंत्र पर रिसर्च कर रही है।
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इसके लिए स्टडी में करीब 20 करोना मरीजों को शामिल किया गया है। इसके ट्रायल में शामिल डॉक्टरों ने 10-10 मरीजों के दो ग्रुप बनाए हैं।
इनमें एक ग्रुप को सुबह और शाम को प्राणायाम के एक घंटे के सत्र के अलावा गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए कहा गया है, जबकि दूसरे ग्रुप को कोरोना का स्टैंडर्ड इलाज दिया जा रहा है।
इस ट्रायल में डॉक्टरों ने कोरोना के मरीजों पर गायत्री मंत्र और प्राणायम के प्रभाव देखने के लिए किया है।
इस स्टडी में शामिल एम्स की फेफड़ा रोग विशेषज्ञ रुचि दुआ का कहना है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों को पहले ही सांस लेने वाली एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। इसलिए हमें लगा कि मरीजों पर गायत्री मंत्र और प्राणायाम के असर को भी देखना चाहिए। इसके कुछ फायदे मानसिक प्रभाव के रूप में भी दिख सकते हैं।
सरकार ने की फंडिंग
एक रिपोर्ट के अनुसार इस स्टडी के लिए केंद्रीय विज्ञान-प्रोद्योगिकी विभाग ने तीन लाख रुपए की ग्रांट दी है।
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हालांकि, इस स्टडी से दूर रहने वाले कुछ रिसर्चरों का कहना है कि वे सरकार के फैसले से बिल्कुल भी नहीं चौंके हैं, क्योंकि कुछ वैज्ञानिक पहले ही इसे प्राचीन भारत की परंपरा से जुड़े प्रोजेक्ट्स की तरफ झुकाव के तौर पर देख चुके हैं।
इस रिसर्च के बाद रिपोर्ट प्रकाशित करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
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