जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी आने के बाद से सबसे ज्यादा कोई परेशान हुआ है तो वह हैं बच्चे। पिछले एक साल से बच्चे घरों में कैद हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई, खेलकूद सबकुछ घर की चहारदीवारी तक सीमित है।
इस समय कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश में कहर बरपा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कोरोना की दूसरी लहर से बच्चों को अधिक खतरा है। इसीलिए ऐसे हालात बच्चों का अधिक ध्यान रखने की जरूरत है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार लंबे समय से घर के अंदर रहने के बाद जब बच्चे घर से बाहर निकल रहे हैं तो उनमें संक्रमण से घिरने का खतरा अधिक है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि दूसरी लहर में ये वायरस म्यूटेट कर और भी खतरनाक बन गया है। अगर हम आंकड़ों को देखे तो पायेंगे कि महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में करीब एक महीने में लगभग 80 हजार के करीब बच्चे इस वायरस की चपेट में आए हैं।
किन लक्षणों पर है ध्यान देने की जरूरत
इस बार म्यूटेशन के कारण कोरोना वायरस के लक्षण काफी बदल गए हैं। पिछली बार जहां इसके काफी कम लक्षण खुलकर पता चल पाए थे, इस बार स्थिति थोड़ी अलग है।
इस बार कोरोना संक्रमित होने वालों में गले में खराश, तेज या मध्यम बुखार, दस्त या अपच और न्यूरो से संबंधित परेशानियां दिखाई दे रही हैें।
इसके अलावा इस बार संक्रमितों को ड्राय माउथ यानी मुंह में सलाइवा की कमी और मुंह में छाले की शिकायत हो रही है। इसके साथ बच्चों की नाक बहना और भूख की कमी भी कोविड के लक्षण हो सकते हैं।
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इन जरूरी बातों का रखें ध्यान
अभिभावकों को वर्तमान हालात में बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों को सिर दर्द, थकान या असुविधा होने पर उसे नजरअंदाज न करें।
बच्चों को जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक घर से निकलने न दें। बच्चों की डाइट में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, डी, कैल्शियम, जिंक व अन्य पोषक तत्वों के सोर्स को शामिल करें।
इसके साथ ही, दिन भर पानी पीने को कहें। मास्क पहनने को प्रेरित करें, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का पालन कराना सिखाएं।
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