Tuesday - 29 October 2024 - 9:29 AM

… तो बीजेपी इस तरह से मुलायम के परिवार में घोलेगी ज़हर

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीखें जैसे-जैसे करीब आती जा रही हैं वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिशें भी तेज़ होती जा रही हैं. आरोप-प्रत्यारोप का बाज़ार भी गर्म है और एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आवाजाही का सिलसिला भी जारी है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. समाजवादी पार्टी की यह सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सीट का चुनाव दिलचस्प बनाने का फैसला किया है ताकि अखिलेश यादव के चुनाव को मुश्किल बनाया जा सके.

जानकारी मिली है कि बीजेपी अखिलेश यादव के खिलाफ उनके छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव को उतारने जा रही है. बीजेपी को भी पता है कि अपर्णा अपने जेठ को चुनाव नहीं हरा पाएंगी लेकिन मुलायम सिंह यादव के परिवार के दो करीबी आमने-सामने होंगे तो चुनाव तो दिलचस्प हो ही जायेगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही अखिलेश यादव भी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अखिलेश यादव के लिए समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी की करहल सीट का चुनाव किया है. करहल सीट मुलायम सिंह यादव का गढ़ मानी जाती है, और इस सीट से अखिलेश यादव को चुनौती देना आसान काम नहीं है. यही वजह है कि बीजेपी ने अपर्णा को अखिलेश के खिलाफ मैदान में उतारने का मन बनाया है क्योंकि अपर्णा भी मुलायम सिंह यादव के परिवार का ही हिस्सा हैं.

अपर्णा को मैदान में उतारकर बीजेपी मुलायम सिंह यादव के परिवार के झगड़े को चुनावी माहौल में घोलना चाहती है. बीजेपी मतदाताओं को यह सन्देश देना चाहती है कि जो परिवार अपने परिवार के सदस्यों को नहीं संभाल पा रहा है वह प्रदेश को क्या संभालेगा. चुनाव के दौरान आपस में आरोप-प्रत्यारोप भी बहुत मुश्किल होंगे क्योंकि दो प्रमुख पार्टियों से जेठ और बहू आमने-सामने होंगे.

अपर्णा यादव बीजेपी में भले ही चली गई हों लेकिन न तो अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से अपर्णा को लेकर कभी कुछ कहा है और न ही अपर्णा ने ही अखिलेश के बारे में कुछ कहा है. दोनों आमने-सामने चुनाव में खड़े होंगे तो दो पारिवारिक सदस्य एक दूसरे से कैसे चुनाव लड़ेंगे और कैसे वोट मांगेंगे यह देखना दिलचस्प होगा.

हकीकत यह है कि बीजेपी ने चुनाव लड़ाने का लालच देकर अपर्णा यादव को भले ही बीजेपी ज्वाइन करा दी है लेकिन बीजेपी अपर्णा को कोई सीट देने के पक्ष में नहीं है. अखिलेश यादव करहल से मज़बूत उम्मीदवार हैं. उनके सामने अपर्णा का टिक पाना भी संभव नहीं है लेकिन दिखावे के तौर पर बीजेपी अपर्णा को चुनाव भी लड़ाएगी और मुलायम सिंह यादव के परिवार में जहर घोलने का काम भी करेगी.

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